वित्तविहीन शिक्षक दयनीय स्थिति में जीवनयापन को विवश : राणा रत्नेश्वर सिंह

गोरखपुर , गोला/जोखन प्रसाद | वित्त विहीन शिक्षक जो  समाज में अपनी मेहनत और ईमानदारी से समाज को सुयोग्य शिक्षित कर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने का काम करते चले आ रहें है आज उनकी स्थिति कोविड- 19 महामारी के चलते बंद चल रहें स्कूलों के कारण प्रवासी मजदूरों से भी बदतर हो गयी है , आज जहाँ पूरा देश इस भयंकर महामरी के दौर से गुजर रहा है और प्रशासन भी जहाँ सभी वर्गों का हर संभव मदद कर रही है , वही पर वित्त विहीन अध्यापकों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय होती जा रही है वे भुखमरी के कगार पर पहुच चुके है , इस का मुख्य कारण स्कूल बंद होने के कारण अभिभावकों द्वारा फीस जमा न करने के चलते स्कूल प्रबंधन एक ओर जहाँ उनका वेतन देने में असमर्थ है   |

वही प्रशासन द्वारा भी इनके हित में कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है उक्त बाते शनिवार को उ. प्र. मा. वि. वि.शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राणा रत्नेश्वर सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान कही , आगे उन्होंने कहा कि आज जहाँ सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को राशन व आर्थिक मदद दी जा रही है वही पर वित्तविहीन अध्यापकों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा , आज वित्तविहीन अध्यापक प्रवासी मजदूरों से भी दयनीय स्थिति में जीवनयापन करने को विवश है , पुरे प्रदेश में 21हजार से ज्यादा माध्यमिक विद्यालयों में लगभग तीन लाख शिक्षक कार्यरत हैं प्रशासन को इन वित्तविहीन अध्यापकों के हित में कोई ठोस कदम चाहिए जिससे उनके सामने दो वक्त की रोटी की व्यवस्था हो सकें ।