विश्वकर्मा पूजा अवकाश को समाज ने सामूहिक उपवास रख दिया सांकेतिक धरना

वाराणसी |     ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में विश्वकर्मा पूजा अवकाश को लेकर सरकार जगाओ , स्वाभिमान बचाओ आंदोलन शुरू किया गया है इसके तहत ऐतिहासिक अगस्त क्रांति दिवस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में समाज के लोगों ने सामूहिक उपवास रख कर सांकेतिक धरना दिया अशोक विश्वकर्मा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कन्या संक्रांति दिवस 17 सितंबर को होता है पौराणिक शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना की थी इसलिए उनके सम्मान में इस दिन को विश्वकर्मा पूजा दिवस के रूप में मनाया जाता है विश्वकर्मा पूजा का पारंपरिक पर्व विश्वकर्मा वंशियों के स्वाभिमान , सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान संस्कार एवं आध्यात्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है परंपरा संस्कृति और आस्था के नाम पर देश के अनेकानेक महापुरुषों राजनेताओं एवं देवी – देवताओं के सम्मान में राजकीय व राष्ट्रीय अवकाश घोषित हैं तो फिर भगवान विश्वकर्मा की उपेक्षा क्यों , जबकि भगवान विश्वकर्मा को सभी जाति – धर्म के लोग सर्वत्र पूजते हैं शास्त्रों में भगवान विश्वकर्मा के समस्त देवी – देवताओं के अस्त्र – शस्त्र तथा वाहन और लोक कल्याण के लिए सृजन की अनेक कथाओं और घटनाओं का विस्तृत वर्णन है उन्होंने कहा आजादी के बाद से सभी सरकारों ने इस समाज के लोगों की घोर उपेक्षा की है जबकि देश के सर्वांगीण विकास में विश्वकर्मा वंशियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उन्होंने कहा विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित होने तक यह आंदोलन क्रमिक रूप से निरंतर जारी रहेगा कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए आंदोलन के प्रथम चरण में 10 अगस्त से 10 सितंबर तक सरकार को देशभर से 1 लाख पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है इस दौरान समाज का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से मिलकर ज्ञापन प्रेषित करेगा कार्यक्रम में नंदलाल विश्वकर्मा , चंद्रशेखर विश्वकर्मा , रमेश विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा एडवोकेट , लोचन विश्वकर्मा , महेंद्र विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , केदार विश्वकर्मा , देवराज विश्वकर्मा , राजकुमार विश्वकर्मा , डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा , दयाल विश्वकर्मा , जीउत विश्वकर्मा , रामनारायण विश्वकर्मा , प्रियांशु विश्वकर्मा , रिंकू विश्वकर्मा आदि लोग थे   |