विश्वकर्मा समाज बिकाऊ नहीं :- अशोक विश्वकर्मा

वाराणसी |       विश्वकर्मा समाज बिकने वाला समाज नहीं है लेकिन अपने निजी स्वार्थ लाभ के लिए चंद मुट्ठी भर छद्म सामाजिक रहनुमा राजनीतिक दलों का पिछलग्गू बन कर जय जय कार और गुलामी करने के साथ ही ठेका लेकर राजनैतिक पार्टियों के साथ समाज के मतों का सौदा कर रहे हैं इनसे सावधान रहने और इनका बहिष्कार करने की जरूरत है समाज को संगठित और जागरुक करके ही वोट के सौदागरों का धंधा बंद किया जा सकता है ध्यान रहे जो समाज मजबूती के साथ जितना संगठित है सामाजिक पहचान और सत्ता में भागीदारी उन्ही‌ की है मौजूदा दौर में मजबूत सामाजिक संगठन की आवश्यकता है अपने सामाजिक जमीर का सौदा कर राजनैतिक गुलामी करने वालों ने ही समाज को भ्रमित करके अलग अलग खेमों में बांटने का काम किया है सच्चाई तो यह है दल के नाम पर वह अन्य जातियों की गुलामी कर रहे हैं ऐसे लोग अपने समाज के हितैषी कभी नहीं हो सकते इसलिए इनका बहिष्कार नितांत आवश्यक है जो खुद तो समाज के लिए कुछ करते नहीं और खुद्दारी के साथ समाज के लिए जो लोग जीते मरते हैं उनके भी मनोबल को तोड़ने का काम करते हैं इसलिए इनका सामाजिक बहिष्कार करो    |