श्रीलंका से सिर्फ आपसी रिश्तों पर फोकस करें इमरान :- पाकिस्तानी एक्सपर्टस

कोलंबो |        पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दो दिन के दौरे पर श्रीलंका में हैं पहले दिन उन्होंने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और इमरान जब कोलंबो एयरपोर्ट से अपने होटल संग्रीला पहुंचे तो यहां के मुस्लिम समुदाय ने श्रीलंका सरकार के विरोध में नारेबाजी की एवं ये लोग चाहते थे कि राजपक्षे सरकार श्रीलंका के मुस्लिम नेताओं को इमरान से मिलने की मंजूरी दे और इमरान ने एक महीने पहले श्रीलंका के मुस्लिम समुदाय के पक्ष में बयानबाजी की थी फ़िलहाल अरब न्यूज से बातचीत में पाकिस्तान के फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट्स ने इस दौरे पर इमरान को सावधान रहने की सलाह दी और इनके मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को श्रीलंका के घरेलू मामलों में दखल से बचना चाहिए उन्हें सिर्फ आपसी रिश्तों पर फोकस करना चाहिए , आपको बता दे कि श्रीलंका की आबादी करीब 2 करोड़ 20 लाख है इसमें से 10% मुस्लिम हैं और कई सालों से कुछ मुद्दों पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय और मुस्लिमों के बीच तनाव रहा , 2019 में ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट हुए इनमें से 250 लोगों की मौत हुई और जांच के बाद कुछ स्थानीय मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया इसके बाद से मुस्लिम समुदाय की दिक्कतें बहुत ज्यादा बढ़ गईं और रिपोर्ट के मुताबिक बौद्धों के कट्टरपंथी संगठन बोदू बाला सेना BBS ने मुस्लिमों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और मस्जिदों में जानवरों की कुर्बानी बंद करने की मांग यहां जोर पकड़ रही है        |

बता दे कि पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका सरकार ने एक आदेश जारी किया और इसमें कहा गया कि कोविड-19 से मरने वालों का दाह संस्कार किया जाएगा फिर चाहे उसका ताल्लुक किसी भी मजहब से हो और मुस्लिमों ने इसका विरोध किया एवं कहा कि यह उनके मजहब के खिलाफ है और 9 फरवरी को शव दफनाने की मंजूरी मिली एवं इमरान ने शव जलाने का विरोध किया था इसे श्रीलंका सरकार ने अपने अंदरूनी मामलों में दखल माना था और ऐसा माना जा रहा है कि श्रीलंकाई सरकार ने इसीलिए इमरान के संसद में भाषण और मुस्लिम नेताओं से बातचीत के कार्यक्रम को रद्द कर दिया और पाकिस्तानी मीडिया के एक हिस्से ने इसे पाकिस्तान का अपमान करार दिया लेकिन पाकिस्तान के फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट्स और जर्नलिस्ट जफर जैस्पल ने खान को सलाह दी है और अरब न्यूज से बातचीत में जफर ने कहा कि इमरान को यह समझना होगा कि वे किसी मुस्लिम देश या इनके मंच पर नहीं हैं श्रीलंका में सिंहली समुदाय की आबादी काफी ज्यादा है और वे बहुसंख्यक हैं इनका मुस्लिमों से विवाद चल रहा है पाकिस्तान ने हमेशा सिंहलियों का समर्थन किया है इमरान को यह पॉलिसी बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और यही उनके एवं पाकिस्तान के लिए सबसे बेहतर रास्ता होगा और वहां के अंदरूनी मामलों में दखल देना भारी पड़ सकता है और आपको बता दे कि पाकिस्तान के पूर्व फॉरेन सेक्रेटरी रियाज खोखर ने कहा है कि दोनों देशों के पुराने रिश्ते हैं और ये बहुत जरूरी हैं हमने पहले श्रीलंका की मदद की है इमरान को चाहिए कि वे सिर्फ आपसी रिश्तों की बात करें और कोई दूसरा मुद्दा उठाना मुश्किलें बढ़ा सकता है               |