विद्यालय में व्याप्त अत्याचार व भ्रष्टाचार के विरोध में मंत्रालय पर भव्य मोर्चा दिसंबर में

मुंबई  ।  टीचर्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रवक्ता  सुरेन्द्र मिश्र ने कहा है कि  श्री गौरीदत्त मित्तल विद्यालय ,सायन पूर्व मुंबई-२२ में व्याप्त अत्याचार व भ्रष्टाचार के विरोध में आगामी दिसंबर माह में मंत्रालय पर भव्य मोर्चा आयोजित किया जाएगा ।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर श्री मिश्र ने बताया है कि विद्यालय के प्रबंधकों द्वारा विद्यालय के एक शिक्षक श्री आर . एच. यादव से बदले की भावना से जबरन इस्तीफ़ा ले लिया  गया  इस  सदमें से श्री यादव  बीमार रहने लगे और कुछ समय बाद उनकी असमय मौत हो गयी ।

विद्यालय  के एक दलित शिक्षक श्री डी. एस .इंगले को रिटायमेंट के समय इसलिए टार्चर किया गया क्योंकि श्री इंगले ने मैनेजमेंट के कहने पर कुछ शिक्षकों  के खिलाफ झूठा मामला  बनाने से इंकार कर दिया था , इंगले को इतना टार्चर किया गया कि उन्होंने आत्महत्या करने का मन बना लिया था , कई बार मंत्रालय पर धरना देने  के बाद ही उनकी पेंशन रिलीज की गयी ।

उन्होंने आगे बताया है कि  विद्यालय के पूर्व मुख्याध्यापक श्री आर. पी. सिंह को भी बदले की भावना से रिटायरमेंट के समय बहुत सताया गया , श्री आर. पी. सिंह ने  मैनेजमेंट के इशारे पर कुछ टीचरों के खिलाफ झूठा मामला बनाने से साफ इंकार कर दिया था जिससे चिढ़कर प्रबंधकों ने उनके रिटायर्मेंट के एक माह पहले उनके ऊपर दर्जनों आरोप लगाकर उनको टार्चर करने की कोशिश की , उन्हें सारे आरोपों को मानने के लिए विवश किया गया ,  मिश्र ने ज्ञापन में बताया है कि प्रबंधक शिक्षकों की भर्ती में भारी भ्रष्टाचार करते हैं ।

पैसा कमाने के लिए वे पक्षपात व धोखाधड़ी करते हैं और भर्ती के नियमों की धज्जियां उड़ा देते हैं , विद्यालय में ठेके पर नक़ल कराने का धंधा चलता है लेकिन मैनेजमेंट दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण देता है ,  विद्यालय के प्रबंधक राजकोष को अपनी निजी जागीर समझते  हैं , प्रबंधकों के कई करीबी कर्मचारी बिना काम किये ही वर्षों से वेतन ले रहे हैं , ऐसा करके के राजकोष को लूटा जा रहा है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।

उन्होंने बताया कि इस सन्दर्भ में कई बार सम्बंधित अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया और मंत्रालय ने दो बार शिक्षा अधिकारियों से विद्यालय पर सरकारी प्रशासक नियुक्त करने का निर्देश दिया, लेकिन स्थानीय शिक्षाधिकारियों की मिलीभगत के कारण प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो  पा रही है , शिक्षण निरीक्षक  दक्षिण मुंबई और डिप्टी डायरेक्टर आफ एजुकेशन मुंबई रीजन के अधिकारी प्रबंधकों से पूरी तरह मिले हुए हैं ।

हर भ्रष्टाचार में वे भी समान रूप से भागीदार हैं और वे प्रबंधकों को संरक्षण देते हैं , इसलिए शिक्षकों और कर्मचारियों का बुरा हाल है और उनका भविष्य खतरे में है , ज्ञापन में मांग की गयी है कि इन मामलों की उच्च सतरीय जांच कराकर विद्यालय में सरकारी प्रशासक  नियुक्त किया जाये तथा दोषी प्रबंधकों और शिक्षाधिकारियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाये ।