संतो की सुरक्षा के लिए संसद में कानून पास किया जाए- महंत बजरंगमुनि उदासीन

प्रयागराज ।  श्रीमीता बाबा आश्रम के महंत बजरंगमुनि उदासीन ने महाराष्ट्र के नांदेड में दो संतों की हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करने वाले संतो को साजिश के तहत मारा जा रहा है, जो बहुत ही निन्दनीय कृत्य है इससे यह कोशिश की जा रही है कि सनातन धर्मावलंबियों को हत्या के बहाने से डराया जाये, लेकिन ऐसा नही होगा क्योंकि शताब्दियों से सनातन धर्म चला आ रहा है, और चलता रहेगा धर्म के बल पर ही देश और समाज टिका है महंत बजरंगमुनि उदासीन ने सरकार से मांग किया है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाये उन्होंने सरकार से संतों और मठ-मंदिरों के सुरक्षा की मांग की है कहा कि संत -महात्माओ की हत्या रोकने और मठ-मंदिर पर कब्जा होने से रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर शीघ्र सख्त कानून बनाकर लागू किया जाये , सनातन धर्म पर यह एक गहरी साजिश है ।
संतो को एवं धर्म रक्षकों को कोई न कोई कारण बताकर मारा जा रहा है, इसका प्रमुख उद्देश्य है कि जब संत एवं धर्म रक्षक नहीं रह जाएंगे तो हिंदुओं को प्रताड़ित होने से कौन बचाएगा लेकिन ऐसी मनसा कभी कामयाब नहीं होगी संत अपना उग्र रूप दिखाना शुरू करेगा तो देश में तबाही मच जाएगी जो कुछ हिंदू बचे रहेंगे उन्हें षड्यंत्र के द्वारा जैसा कि औरंगजेब ने किया था, धर्म परिवर्तन करा लिया जाएगा या मार दिया जाएगा कहा कि मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह एक बार हिंदू कोर्ट बिल के तहत हिंदुओं की जनसंख्या की गिनती कराए एवं जैसे कि राष्ट्र और सामाज को हानि के नाम पर हिंदू कोड बिल में साजिश के तहत कई परिवर्तन किया गया, जिसका राष्ट्र और समाज का कोई नुकसान नहीं था उसी तरह सरकार से मैं मांग करता हूं कि हिंदू कोड बिल के तहत हिंदुओं के धर्म रक्षक संतो एवं उनके आश्रमों को सुरक्षा मुहैया कराया जाए ।
भारत सरकार को इस तथ्य पर विचार करना पड़ेगा जिस प्रकार से विधर्मीयों के कहने पर हिंदू कोड बिल में समय-समय पर संशोधन किया गया, परंतु किसी की हिम्मत यह नहीं हुई कि मुस्लिम कोड बिल या इसाई कोड बिल में संशोधन करें इसका मतलब यह नहीं है कि अगर हिंदू राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं तो सरकार उनके अधिकारों एवं उनके धर्म पर बार-बार आघात करती रहे अगर हिंदू उग्र हो गया तो इसका प्रमुख कारण भारत सरकार होगी  ।