समीर वानखेडे का रक्षक बनी मोदी सरकार

ठाणे । महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मिलिंद खराडे ने आरोप लगाया है कि समीर वानखेडे को बचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है इसी आलोक में खबरें आ रही है कि केंद्र सरकार उससे जुड़े मामले की जांच खुद करने की कोशिश कर रही है , इसके माध्यम से मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य समीर वानखेडे का बचाव करना है और इसकी शुरुआत हो भी गई है , समीर वानखेडे की जारी गतिविधि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मिलिंद खराडे  ने कहा है कि वह महाराष्ट्र में मोदी सरकार के अर्जेंट के तौर पर काम कर रहे हैं , इसके पहले भी केंद्र सरकार के कई अफसर महाराष्ट्र में आकर  हरकतें कर चुके हैं , जिन पर गंभीर आरोप पहले ही लगे हैं , एक बार फिर समीर वानखेडे नाम का अफसर  उसी की पुनरावृति करता नजर आ रहा है।

खराडे का कहना है कि समीर वानखेडे पर कई गंभीर आरोप लगने की शुरुआत हुई तो वह कुछ दिन चुपचाप रहे अपने ऊपर लग रहे आरोपों का जवाब देने से भी इंकार करते रहे लेकिन कुछ दिनों बाद जिस तरह तोता बोलने लगता है उसी स्टाइल में समीर वानखेडे ने भी बोलना शुरू किया , आगे खराडे का कहना है कि मीडिया के माध्यम से जिस तरह की खबरें आ रही है उसे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि समीर वानखेडे की परेशानी महाराष्ट्र में निश्चित तौर पर बैठने वाली है , इस संभावना को देखते हुए दिल्ली की मोदी सरकार ने वानखेडे से जुड़े प्रकरण की जांच अपने हाथ में लेने का संकेत दिया है, यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर केंद्र की सरकार हर संभव समीर वानखेडे को बचाने के लिए  प्रयास करेगी , निश्चित है कि यदि केंद्र सरकार ने यह  निर्णय लिया तो समीर वानखेडे को दिल्ली जाना होगा , ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में इनसे जुड़े मामले की जांच की निष्पक्षता को भारी धक्का लगेगा ।

इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, विदित हो कि इसके पहले भी महाराष्ट्र में कई अफसरों ने केंद्र सरकार के एजेंट के तौर पर काम किया और उसके द्वारा किए गए कारनामे का सार्वजनिक तौर पर खुलासा भी हुआ है , इसी क्रम में सुबोध जैस्वाल और रश्मि शुक्ला जैसे अधिकारियों का नाम लिया जा सकता है दूसरी ओर मिलिंद खराडे ने इस बात का भी विशेष जिक्र किया है कि महाराष्ट्र सरकार को चाहिए कि वह तत्काल समीर वानखेडे के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाएं , वानखेडे ने बोगस गवाहों और साक्षीदारों के सहारे गिरफ्तारी  की थी,  इस मामले का खुलासा प्रभाकर साइल ने किया है । 

प्रभाकर साइल जब से समीर वानखेडे के खिलाफ मैदान में उतरे तब से वानखेडे को भी अपनी कमजोरी का हिस्सा हुआ है ऐसे स्थिति मे साइलको भी निशाना बनाया जा सकता है । वैसे भी साइल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके ऊपर भी खतरा मंडरा  रहा है । मिलिंद खराडे  ने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया है कि साइल को सुरक्षा प्रदान की जय ।साथ ही महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया है कि महाराष्ट्र को बदनाम करने वाले अवसरों के खिलाफ शासकीय कार्रवाई की जानी चाहिए।  अन्यथा राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर नीचा दिखाने का प्रयास ऐसे अधिकारियों की आड़ में आगे भी किया जाता रहेगा । इसकी पूरी संभावना है।  ऐसा खराडे का कहना था।