सीएम शिंदे से नाराज ठाकरे गुट

ठाणे । मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे के केयरटेकर रहे चंपा सिंह थापा और मोरेश्वर राजे को शिंदे गुट में प्रवेश दिलाया गया आज तक कोई भी ऐसे मुख्यमंत्री नहीं हुए, जिन्होंने इस तरह की पहल की हो  ठाकरे परिवार के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर मुख्यमंत्री क्या प्राप्त करना चाहते हैं वही इस बारे में कुछ बता सकते हैं , इस तरह की तीखी टिप्पणी करते हुए शिवसेना के ठाणे जिला प्रवक्ता चिंतामण कारखानिस ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री थापा और राजे के बाद बालासाहेब ठाकरे के समय जो सफाईकर्मी, सुरक्षारक्षक और खाना बनाने वालों का भी शिंदे गुट में प्रवेश कराया जाएगा , टेंभीनाका पर जय अंबे माता के आगमन की जब झांकियां निकाली गई तो उसी दौरान थापा और राजे को शिंदे गुट में शामिल किया गया , स्वयं सीएम शिंदे की उपस्थिति में दोनों ने शिंदे गुट में प्रवेश लिया ।
 इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवसेना प्रवक्ता चिंतामन कारखानिस ने कहा कि ऐसे शर्मनाक राजनीतिक क्षण बहुत कम ही आते हैं जैसा कुछ ठाणे शहर में देखने को मिला उनका कहना था कि शिंदे महाराष्ट्र के सीएम है उन्हें  पूरे राज्य की चिंता होनी चाहिए लेकिन वे जिस तरह ठाकरे परिवार के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं, ऐसा अभी तक महाराष्ट्र के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल के साथ नहीं हुआ है ना ही किसी भी मुख्यमंत्री ने ऐसा कभी किया है चाहे वह पूर्व के मुख्यमंत्री ही क्यों ना रहे हैं निवर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पहले जितने भी व्यक्ति महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने,उन्होंने इस राजनीतिक मर्यादा की परंपरा का निर्वाह किया लेकिन अब तो इसकी सीधी धज्जियां उड़ाई जा रही है इस दौरान शिवसेना के शहरप्रमुख प्रदीप शिंदे और पूर्व नगरसेवक मधुकर देशमुख भी उपस्थित थे ।
चिंतामन कारखानिस ने बताया कि थापा शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के केयर टेकर थे वही थापा का हर स्तर पर ख्याल रखा जाता था लेकिन शिवसेनाप्रमुख की मौत के बाद थापा ने नेपाल लौटने का मन बनाया उसे सम्मान के साथ नेपाल रवाना किया गया लेकिन वहां जाने के बाद उसका मन नहीं लगा  वे फिर लौटकर आए लेकिन थापा को मातोश्री में सेवा का अवसर नहीं मिला राजनीति स्टंटबाजी करने के लिए ही थापा का शिंदे गुट में प्रवेश कराया गया है ।