सीबीआई मुख्यालय पहुंची ठाणे मनपा में जारी भ्रष्टाचार की शिकायत

प्रदेश कांग्रेस कमिटी सदस्य मिलिंद खराडे ने की कार्रवाई की मांग अरबों-खरबों
के घोटाले का होगा पर्दाफाश  

 
 
ठाणे । ठाणे मनपा में दशकों से विविध विकास योजनाओं की आड़ में भ्रष्टाचार किया जा रहा है, प्रशासनिक और राजनीतिक सांठगांठ से सारा कुछ किया जा रहा है ।
 भ्रष्टाचार का सिलसिला अब भी जारी है महाराष्ट्र सरकार से इसकी शिकायत की गई है, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई दोषियों के खिलाफ नहीं की गई है , इन बातों का जिक्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य मिलिंद खराडे ने सीबीआई के डायरेक्टर (दिल्ली) को दिए गए निवेदन में किया है ।
 सीबीआई से मांग की गई है कि गत दस सालों के दौरान हुए विविध विकास कार्यों की जांच की जाए , इसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है, निवेदन में कहा गया है कि ठाणे में बीएसयूुपी योजना में भ्रष्टाचार होने के साथ ही मुंब्रा में टीडीआर घोटाला हुआ है।
 साथ ही मुंब्रा स्थित आदिवासियों और वन विभाग की जमीन पर बिल्डर अवैध निर्माण कर रहे हैं, सीआरजेड का मुंब्रा में खुलेआम उल्लंघन बिल्डर कर रहे हैं । 
ठाणे मनपा में बीएसयूपी योजना में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है, इसके साथ ही यहां टीडीआर घोटाला भी किया जा रहा है, इसके साथ ही मुंब्रा में आदिवासियों की जमीन पर जबरन भवन निर्माण किया जा रहा है , यही हाल वन विभाग की जमीन का भी है , राजनीतिक संरक्षण में बिल्डर वन विभाग की जमीन के साथ ही यहां सीआरजेड परिसर में भी इमारत निर्माण किया जा रहा है ।
 दिल्ली स्थित सीबीआई के मुख्य कार्यालय में जाकर खराडे ने सीबीआई संचालक को लिखित निवेदन देकर मांग की है कि पूरे मामले की जांच की जाए । 
मिलिंद खराडे ने सीबीआई संचालक से शिकायत की है कि जब से ठाणे शहर में बीएसयूपी योजना शुरू हुई तब से ही उसमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है, आरोप लगाया गया है कि योजना के तहत बने घर निकृष्ठ दर्जे के हैं ।
 इसके साथ ही बीएसयूपी के अधिकारी और दलाल की सांठगांठ से राजनीतिक संरक्षण में भ्रष्टाचार किया गया , कहा जा रहा है कि इस मामले में बीएसयूपी के तत्कालीन अधिकारी अनिल पाटील जो इस समय ठाणे मनपा में नगर अभियंता हैं, उन पर गाज गिर सकती है। राजनीतिक महकमें में इस बात की चर्चा हो रही है कि बीएसयूपी  अधिकारी के तौर पर रहते हुए अनिल पाटील ने भ्रष्टाचार किया है। 
 
ठाणे मनपा में जारी टीडीआर घोटाले को लेकर भी खराडे ने सीबीआई के मुख्य  संचालक को अवगत कराया है , उनसे मांग की गई है कि सीबीआई इस मामले की जांच करे कि कौसा में बने स्टेडियम के लिए टीडीआर जमीन के मूल मालिक को मिला या नहीं ।
 यह जमीन आदिवासी कुल की है ,  जिसका सर्वे क्रमांक-५२ और ४४ है , वहीं मुंब्रा में आदिवासी कुल की जमीन पर बिल्डरों द्वारा बनाई जा रही इमारत की जांच करने का भी आग्रह किया गया है। आदिवासी कुल की इस जमीन का सर्वे क्रमांक-५२ है , आदिवासी कुल की जमीन जिसका सर्वे क्रमांक-११८ है, इसकी भी जांच की जाए। 
मुंब्रा-कौसा में हुई कई धांधलियों को लेकर भी मिलिंद खराडे ने सीबीआई संचालक से शिकायत की है ।
 खराडे ने मांग की है कि विरानी बिल्डर के लैंड कारोबार के साथ ही उसके द्वारा बनाई गई तमाम इमारतों की जांच सीबीआई करे । खराडे का कहना है कि मुंब्रा में राजनीतिक संरक्षण में आदिवासियों तथा वन विभाग की जमीन पर बिल्डर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य कर रहे हैं ।
 इसके साथ ही सीआरजेड लैंड में भी इमारत बनाया जा रहा है । लेकिन मनपा प्रशासन ऐसी अवैध गतिविधियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है ।
 सीबीआई से मांग की गई है कि यदि पूरे मामले की जांच हुई तो अरबों-खरबों का घोटाला सामने आ सकता है ।