सुप्रीम कोर्ट ने बबीता जी उर्फ़ मुनमुन दत्ता के 5 FIR पर लगाई रोक
मुंबई | तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबिताजी का किरदार निभाने वाली मुनमुन दत्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है और कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज हुईं 5 FIR पर रोक लगा दी है रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्ट्रेस के खिलाफ ये FIR राजस्थान , मध्य प्रदेश , गुजरात और महाराष्ट्र में दर्ज की गई थीं , उन पर अपने एक मेकअप वीडियो में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है तथा आपको बता दे कि एक्ट्रेस के खिलाफ धारा (1) (U) अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत पांचों FIR हुई थीं और रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी. रामा सुब्रमण्यम ने पांचों FIR को कंसोल करते हुए मुनमुन को नोटिस जारी किया था , सुनवाई के दैरान एक्ट्रेस के वकील पुनीत बाली ने दावा किया कि उन्होंने वीडियो में जिस शब्द का इस्तेमाल किया उन्हें उसका असली मतलब का पता नहीं था , इस दौरान कोर्ट ने वकील को फटकार लगाई और कहा कि उनका दावा सही नहीं हो सकता क्योंकि यह शब्द बांग्ला में भी इस्तेमाल होता है |
आपको बता दे कि पुनीत बाली ने एक्ट्रेस की गलती मानी और कोर्ट में हवाला दिया कि उन्होंने दो घंटे के अंदर विवादित पोस्ट डिलीट कर दी थी और इसके लिए माफ़ी भी मांग ली थी इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि एक्ट्रेस के खिलाफ दर्ज सभी केसों को मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाए , आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुनमुन दत्ता ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था , इसमें वे मेकअप के बारे में बता रही थीं और मुनमुन ने वीडियो में कहा था कि मैं यूट्यूब पर आने वाली हूं , मैं अच्छा दिखना चाहती हूं , मैं किसी की तरह नहीं दिखना चाहती , इसी वीडियो में उन्होंने दलित जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल भी किया था तथा विवाद बढ़ने के बाद एक्ट्रेस ने वीडियो सोशल मीडिया से हटा लिया और सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी , आपको यह भी बता दे कि मुनमुन ने अपने माफी नामे में लिखा था कि यह उस वीडियो के संदर्भ में है जिसे मैंने 10 मई को पोस्ट किया था और जहां मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है यह अपमान , धमकी या किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने के इरादे से नहीं कहा गया था , मेरी भाषा के अवरोध के कारण मुझे सही अर्थ नहीं पता था , एक बार जब मुझे इसके बारे में बताया गया तो मैंने तुरंत ही वीडियो में से उस भाग को निकाल दिया और मेरे दिल में हर जाति , पंथ या लिंग से हर एक व्यक्ति के लिए सम्मान है समाज या राष्ट्र में उनके योगदान को मैं स्वीकार करती हूं , मैं ईमानादारी से हर एक व्यक्ति से माफी मांगना चाहती हूं जो शब्द के अनजाने में हुए उपयोग से आहत हुए हैं मुझे उसके लिए खेद है |