हरियाणा के युवाओं के लिए आई खुशख़बरी राज्य के युवाओं को मिलेगी नौकरियाँ

चंडीगण |        हरियाणा के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है क्योंकि अब यहां के प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में राज्य के युवाओं को 75% आरक्षण मिलेगा और विधानसभा में यह बिल पास होने के 4 महीने बाद राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने मंगलवार को इसे मंजूरी दे दी , अब यह कानून बन गया है और अगली भर्तियों में हरियाणा राज्य के युवाओं को इसका फायदा मिलेगा एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को ये जानकारी दी , खट्टर ने बताया कि राज्य विधानसभा ने पिछले साल नवंबर में इस विधेयक को पारित किया था , इसके बाद विधेयक को गवर्नर के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था और अब गवर्नर की मंजूरी मिल जाने से प्रदेश में हर कंपनी , सोसाइटी , ट्रस्ट में युवाओं को नौकरियों में 3 चौथाई आरक्षण का फायदा मिलेगा और आपको बता दे कि राज्य में कई बड़ी और छोटी इंडस्ट्रियल यूनिट लगी हुई हैं और हरियाणा में कार , ट्रैक्टर , बाइक , साइकिल समेत कई उपकरण बनते हैं हरियाणा देशभर में सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और दुनियाभर में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक हरियाणा है जिसके साथ साथ पंचरंगा अचार के अलावा पानीपत में हथकरघे से बनी चीजें और कालीन विश्व भर में प्रसिद्ध हैं बड़े पैमाने पर इन्हें एक्सपोर्ट किया जाता है और हरियाणा की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल सिटी गुरुग्राम है यहां कई प्राइवेट कंपनियों के हेड ऑफिस भी हैं           | 

बता दे कि हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट बिल 2020 के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में 50 हजार रुपए से कम सैलरी वाली नौकरियों में ही यह आरक्षण लागू होगा और जिस जिले में कंपनी स्थापित है उस जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा , बाकी 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा , जानकारी के मुताबिक शुरुआत में यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू होगा एवं इसके मुताबिक प्राइवेट कंपनी , सोसायटी , ट्रस्ट और पार्टनर शिप फर्में इसके दायरे में आएंगी और यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे तो स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग देकर नौकरी के लायक बनाया जाएगा , आपको यह भी बता दे कि हरियाणा विधानसभा में डिप्टी सी.एम. दुष्यंत चौटाला ने यह बिल पेश किया था और यह मुद्दा उनकी पार्टी का चुनावी वादा भी था , बता दे कि इस समय हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा फेज चल रहा है और इस बिल के मुताबिक राज्य के स्थायी निवासी को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा और हरियाणा में जन्मे या बीते 15 सालों से निवास कर रहे युवाओं को स्थायी निवासी माना जाएगा एवं कानून के मुताबिक किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी न मिलने पर आरक्षण कानून में छूट दी जा सकती है और इस बारे में निर्णय जिला उपायुक्त या ऊपर के स्तर के अधिकारी लेंगे , SDM या इससे ऊपर के अधिकारी कानून लागू कराने की जांच के लिए डेटा ले सकेंगे और कंपनी परिसर में भी जा सकेंगे , इसमें पेंच यह है कि कंपनी प्रबंधन अफसरों से मिलीभगत करके स्किल्ड आवेदक न मिलने का बहाना करके हरियाणा से बाहर के लोगों को जॉब दे सकता है               |