26 लाख की जनसंख्या वाले टापू पर लोग भुखमरी की चपेट में

अंटानानारिवो |     दक्षिणी मेडागास्कर में अकाल की स्थिति बनी हुई है इसके चलते करीबन 4 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी की कगार पर हैं इसमें कई लोगों की पहले भुखमरी की वजह से मौत हो चुकी है ये जानकारी UN फूड ऑर्गेनाइजेशन WFP ने दी है और साउथ अफ्रीका में WFP की रीजनल डायरेक्टर लोला कास्त्रो ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाल ही में उन्होंने WFP के चीफ डेविड बिसले के साथ इंडियन ओशियन में स्थित 26 लाख के इस टापू का दौरा किया और यहां उन्हें बेहद हताश करने वाली स्थिति का सामना करना पड़ा , यहां रहने वाले परिवार रेड कैक्टस , जंगली पत्ती और टिड्डियां खाकर गुजारा कर रहे हैं एवं कास्त्रो ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में बच्चे और किशोर बर्बाद हो चुके हैं और बच्चों के शरीर में चमड़ी और हड्डी के सिवा कुछ नहीं आ रहा है वे सभी न्यूट्रिशन के सहारे जिंदा हैं एवं उन्होंने कहा कि पिछले 28 साल से वो चार उपमहाद्वीप के लिए काम कर रही हैं लेकिन इससे खराब स्थिति नहीं देखी , इससे पहले इस तरह की स्थिति से उनका सामना साल 1998 में दक्षिण सूडान के बहर-अल-गजल में हुआ था        |

बता दे कि हालात को देखते हुए UN और मेडागास्कर की सरकार ने लगभग 155 करोड़ डॉलर के फंड की अपील की है इससे लोगों को खाने – पीने की व्यवस्था की जा सके तथा हजारों की संख्या में लोग घर छोड़कर चले गए हैं सभी खाने की तलाश में शहर की ओर विस्थापित होने को मजबूर हैं तथा बिसले ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 4 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी की ओर कदम ताल करते हुए बढ़ रहे हैं इनमें 14 हजार से ज्यादा लोगों की स्थिति बेहद खराब है अगर कुछ नहीं किया तो आने वाले महीनों में 5 लाख से ज्यादा लोग इस स्थिति में पहुंच जाएंगे एवं दक्षिणी मेडागास्कर में अचानक से बनी अकाल और भुखमरी की स्थिति की वजह पर्यावरण में बदलाव को माना जा रहा है और कास्त्रो ने कहा कि दुनिया में ये एक मात्र जगह है जो पर्यावरण में बदलाव में किसी तरह का योगदान नहीं करती है लेकिन पर्यावरण में बदलाव का सबसे बुरा प्रभाव इसी इलाके पर पड़ता है         |

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