आत्मा पुण्य लेकर आती है :- जैन मुनि

ठाणे |     कोंकण शत्रुंजय तीर्थ में चातुर्मास विराजित प.पू.आ सागरचंद्रसागर म.सा. के शिष्यरत्न गणिवर्य तीर्थचंद्रसागर म.सा. व प्रवचनकार पदम्

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