ग्राम पंचायत विषखोप के ग्रामीणों ने शराबी लेखपाल के शोषण से तंग आकर उप जिलाधिकारी नौतनवा को सौंपा शिकायत पत्र 

महाराजगंज / पंकज मणि त्रिपाठी |       महाराजगंज जिले के नौतनवा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत विषखोप के ग्रामीणों ने आज मंगलवार को तहसील दिवस के अवसर पर उप जिलाधिकारी नौतनवा को क्षेत्रीय लेखपाल जैनुद्दीन के विरुद्ध शिकायत पत्र सौंपा , ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लिखते हुए बताया है कि क्षेत्रीय लेखपाल जैनुद्दीन द्वारा इन गरीब किसानों का शोषण करते हुए उनसे धन उगाही किया जाता है अगर किसी भी संबंधित कार्य से उक्त लेखपाल को बुलाया जाता है तो वह सबसे पहले लोगों से पैसे तथा शराब की मांग करता है लेकिन वह कार्य भी लोगों को समय अनुसार नहीं करता जिससे क्षेत्रीय जनता काफी परेशान है इसी प्रकार दुखी ग्रामीणों ने लिखा है कि ग्राम पंचायत विषखोप में बाढ़ से पूरी तरह धान की फसल बर्बाद हो गई थी हालात ऐसे हो गये थे कि लोगों को खाने की भी किल्लत होने लगी थी उसी बीच लेखपाल जैनुद्दीन व उनका मुंशी मुखलाल हमारे गांव में आकर लोगों से दो – दो सौ रुपये का डिमांड करने लगा और कहा कि जो पैसा देगा उसी को बाढ़ सहायता राशि दी जाएगी अपने समस्याओं का हवाला देते हुए जब मजबूर ग्रामीणों ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो उक्त लेखपाल ने उन ग्रामीणों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया       |

जिससे बाढ़ पीड़ित सहायता राशि पाने से वंचित रह गए तथा लेखपाल द्वारा पैसे लेकर अपात्र लोगों को सहायता राशि दे दी गई , साथ ही साथ ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ठंड के मौसम में गरीब लोगों के लिए कंबल वितरित करने के लिए कहा गया था लेकिन लेखपाल ने एक भी गरीबों को कंबल वितरण नहीं किया , ग्राम पंचायत में स्थित एक पोखरी पर कुछ लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने को लेकर भी शिकायत की गई थी परंतु वह अतिक्रमण अभी तक नहीं हटवाया गया है साथ ही साथ लोगों ने ग्राम पंचायत में स्थित चकरोड एक व्यक्ति से पैसे लेकर उसे कब्जा कराने का भी आरोप लगाया है ग्रामीणों ने बताया कि यह शराबी लेखपाल उप जिलाधिकारी के आदेशों को भी ताक पर रखते हुए क्षेत्र में अपनी मनमानी करने पर आमदा रहता है लोगों ने बताया कि पंचायत भवन की जमीन नापने के लिए कुछ समय पहले एसडीएम नौतनवा को एक पत्र दिया गया था , जिस पर एस.डी.एम. द्वारा सत्यापित कर जमीन नापने के आदेश जारी किए जाने के बाद भी लेखपाल द्वारा उस आदेश को नजरअंदाज कर दिया गया और पंचायत भवन की जमीन अभी तक नहीं नप पाई है ग्रामीणों के आरोप के अनुसार आश्चर्य की बात यह है कि उक्त लेखपाल ड्यूटी के समय में भी हमेशा शराब के नशे में धुत पड़ा रहता है और इसका संपूर्ण कार्य एक प्राइवेट आदमी मुखलाल ही देखता है तथा वह क्षेत्र में लोगों से अपने आपको लेखपाल होने का हवाला देकर मोटी रकम वसूल करता है जिसमें लेखपाल तथा उक्त व्यक्ति का हिस्सेदारी होती है सभी समस्याओं को लेकर आए हुए पीड़ित ग्रामीण प्रदर्शन करने का मन बना चुके थे परंतु तहसीलदार नौतनवा अशोक कुमार के आश्वासन पर ग्रामीणों ने ऐसा नहीं किया तथा किसी तरह से शांत हुए        |