पांच वर्षीय संविदा प्रावधान को प्रदेश सरकार निरस्त करें :- धीरेंद्र प्रताप

गोरखपुर / जोखन प्रसाद |     गोरखपुर पूर्वांचल सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप के नेतृत्व में स्थाई नौकरियों से पहले 5 वर्ष की कठिन संविदा लाए जाने के विरोध में जिला अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भरत लाल श्रीवास्तव को सौंपा धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा लाए जा रहे 5 वर्ष के संविदा प्रक्रिया में कर्मचारियों को स्थाई सरकारी नौकरियों के बराबर न तो वेतन मिलेगा और ना ही सुविधाएं जो कि न्यूनतम वेतन की अनिवार्यता और समान कार्य हेतु समान वेतन नियम के खिलाफ है इसी प्रकार से गुजरात सरकार में फिक्स पे सिस्टम मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्णय के भी खिलाफ है कर्मचारियों के लिए कार्य दक्षताये समर्पण आदि का मूल्यांकन हर छह महीने पर होना है और 60% से कम अंक लाने वाले को कार्यमुक्त किए जाने के इस फार्मूले से कर्मचारियों का मूल्यांकन करने वाले अधिकारी को असीमित शक्ति मिल जाएगी जिसके दुरुपयोग होना तय है इसका दुष्परिणाम होगा कि संविदा कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति वफादार होने की बजाय इन अधिकारियों के हिसाब से काम करेगा कि ने अधिकारियों के द्वारा संविदा कर्मचारी 5 वर्ष के दौरान संविदा कर्मचारी के आर्थिक शारीरिक और मानसिक शोषण का द्वार भी खुल जाएगा संविदा कर्मचारियों के साथ आए दिन यह घटना होती है कि सैलरी की रिसीविंग ज्यादा होती है लेकिन भुगतान कम किया जाता है 5 वर्ष के लंबे संविदा के इस फार्मूले में कर्मचारियों में हमेशा असुरक्षा का भाव बना रहेगा वह अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में जिएगा और शादी विवाह बच्चे जैसी निजी जीवन के पहलुओं पर बुरा असर पड़ेगा सरकारी कर्मचारियों के नियमावली में पहले से ही नियम अथवा गुणवत्ता विरुद्ध कार्य करने पर उसके विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान है यह प्रक्रिया पूरी तरह से श्रम कानूनों की अवहेलना करती है इससे सरकारी नौकरियों बधुआ मजदूर की तरह हो जाएगी 5 वर्ष की संविदा व्यवस्था को लेकर छात्राएं प्रतियोगी छात्रों में एक आशंका व सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है इसलिए व्यापक जनहित को देखते हुए प्रस्तावित 5 वर्ष की संविदा नियुक्ति व्यवस्था की प्रक्रिया को प्रदेश सरकार निरस्त करें जो सभी के हित में है    |