भाजपा ने इलेक्ट्रिक बसों की टेंडर प्रक्रिया पर उठाए सवाल

नई दिल्ली |  दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक बसों की टेंडर प्रक्रिया पर बीजेपी ने फिर एक बार सवाल खड़े किए हैं , बीजेपी ने कहा है 4 साल तक तो सरकार प्राइवेट कंपनियों से भ्रष्टाचार की बातें करती रही और जब कंपनियों ने उनकी बातें मान लीं तो टेंडर की बात की जा रही है ।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने संयुक्त रूप से आरोप लगाते हुए कहा की लगभग हर साल 600 करोड़ रु. का घाटा होगा ।
तिवारी ने कहा कि आप ने 4 साल के कार्यकाल के बाद 1000 इलेक्ट्रिक बसों की टेंडर प्रक्रिया इसलिए की क्योंकि सरकार निजी कंपनियों के साथ भ्रष्टाचार के लिए मिलीभगत में लगी रही , कंपनियों ने जब केजरीवाल सरकार की भ्रष्टाचार की शर्तों को मान लिया तो अब दिल्ली की जनता के सामने बसों की टेंडर प्रक्रिया की बात रखी जा रही है |

तो वही नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बिना तैयारी के 1000 इलेक्ट्रिक बसें उतारने के लिए स्वीकृति दी है , सरकार के पास न तो बस डिपो हैं और न चार्जिंग के लिए बिजली की व्यवस्था जिन 6 डिपो में बसें लाने की स्वीकृति दी गई है उनमें से 5 तो धरातल पर ही नहीं है ।