मानवता सबसे बेहतरीन इबादत एवं पूजा 

भदोही ।   कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन लागू होने के बाद देश के हालात ऐसे बदले कि सब कुछ छिन्न-भिन्न सा हो गया है , सैकड़ों किमी. लोग पैदल या अन्य साधनों से अपने घरों को लौटने लगे , हाइवे और सड़कों पर मजबूर कामगार और उनके परिवार तमाम दर्द झेलने को मजबूर हैं , लेकिन इसी से जुड़ा एक सकारात्मक पहलू भी है , जो हमारे देश को अन्य देशों से अलग करता है , हर तरफ इनकी मदद को लोग सामने आ गए , मानवता की सेवा क्या होती है, यह देखने को भी खूब मिला , इसीलिए ही तो हम कहते हैं कि मेरा ‘भारत महान’ शनिवार को महाराष्ट्र के मुंबई, राजस्थान, दिल्ली सहित आदि प्रांतों एवं शहरों से पैदल, साइकिल, मोटर साइकिल, द्वारा तथा ट्रकों व डी सी एम गाड़ियों एवं तेल के टैंकरों पर खुले आसमान के नीचे चटक धूप में बैठे तथा भूसे की तरह भरे प्रवासी मजदूर जैसे ही भदोही पहुंचे तो गरीबों ने राहत की सांस ली ।
जनपद की सीमा तक लगभग एक दर्जन समाजसेवियों द्वारा हाईवे मार्ग किनारे पानी, फल, भोजन तथा मास्क एंव नंगे पैर जा रहे लोगों के लिये जूते, चप्पल सहित आदि खाद्य सामग्री का इंतजाम किया गया था , प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रहे ट्रकों के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो जाना और यह निवेदन करना कि भैय्या चंद मिनट गाडी रोक लो ताकि यह ग़रीब कुछ खाकर पानी पी लें , हालांकि भूखे गरीब मजदूर बार-बार लोगों से यह पूछ रहे थे कि साहब यह कौन सी बस्ती है जहां पर अपना पन तथा गरीबों के प्रति हमदर्दी देखने को मिली कुछ लोगों ने जवाब दिया यही तो है अपने भारत देश की संस्कृति तभी तो सभी देशों से अलग है क्या इससे बड़ी भी कोई इबादत या पूजा हो सकती है ।