सड़क के किनारे कंबल बेचने वाली बुलबुल राय बनी कैंसर पीड़ित मरीजों की प्रेरणा 

मुंबई |        भलाई और नेकी का काम करने के लिए सिर्फ पैसों की जरूरत नहीं होती , आदमी में यदि अच्छा करने का संकल्प हो तो वह जल्द ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेता है दक्षिण मुंबई के परेल स्थित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के पास अपने पति रतन राय के साथ कंबल बेचकर अपने परिवार का गुजारा करने वाली बुलबुल राय (38) टाटा अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों तथा उनके रिश्तेदारों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है बचपन में कैंसर के चलते अपने पिता को खो चुकी बुलबुल राय को कैंसर मरीजों तथा उनके रिश्तेदारों की पीड़ा का पूरा अहसास है यही कारण है कि वह निराश हो चुके कैंसर पीड़ित मरीज और उनके रिश्तेदारों का न सिर्फ हिम्मत बढ़ाती है अपितु यथासंभव उनका सहयोग भी करती है अन्य प्रदेशों से इलाज के लिए आये लोगों का मार्गदर्शन करती है क्या हिंदू ; क्या मुसलमान सभी धर्मों एवं जातियों के मरीज बुलबुल राय की तारीफ करते नहीं थकते , कैंसर मरीज बुलबुल राय को दीदी कह कर बुलाते हैं बुलबुल राय के प्रेरणादायक कार्यों को देखते हुए समरस फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. किशोर सिंह ने आने वाले दिनों में बुलबुल राय का संस्था कार्यालय में अभिनंदन करने का फैसला किया है डॉ. किशोर सिंह के अनुसार बुलबुल राय द्वारा कैंसर मरीजों तथा उनके परिजनों की जो मदद की जा रही है वह बेमिसाल है         |