लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ भाजपा ने किया आंदोलन
ठाणे | भाजपा विधायकों ने ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को विधानसभा में घेरा लेकिन भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया जिसके खिलाफ ठाणे भाजपा के ओबीसी मोर्चा की ओर से ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध आंदोलन कर धरना दिया गया , ठाणे शहर जिला अध्यक्ष भाजपा ओबीसी मोर्चा सचिन केदारी ने बताया कि प्रदेश भाजपा सचिव एडवोकेट संदीप लेले , ठाणे मनपा में गटनेता मनोहर डुंबरे और महाराष्ट्र प्रदेश ओबीसी मोर्चा की महिला संपर्क प्रमुख वनिता लौंडे की प्रमुख उपस्थिति में यह विरोध आंदोलन किया गया , जिसमें अन्य पदाधिकारी भाजपा के ठाणे महासचिव मनोहर सुगदरे , अध्यक्ष ओबीसी महिला मोर्चा नयना भोईर के साथ ही वीर सिंह पारछा , बाला केंद्रे और बाबू रामण्णा आदि भी उपस्थित थे एवं मांग की गई कि सरकार 12 विधायकों का निलंबन तत्काल वापस ले , आरक्षण के मूद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करे तथा निलंबन की कार्रवाई को कायरता कहां गया |
बता दे कि इस अवसर पर बोलते हुए राज्य सचिव संदीप लेले ने कहा कि सरकार की लापरवाही से ओबीसी आरक्षण की समस्या पैदा हुई है यदि इसको लेकर राज्य सरकार ने सशक्त भूमिका निभाई होती तो आज यह स्थिति नहीं आती , लेले ने कहा कि जब तक ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक भाजपा का राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा , विधायकों की निलंबन को उन्होंने लोकतंत्र की हत्या बताया , साथ ही कहा कि जिस तरह की भूमिका सत्ताधारी दल ने विधानसभा में निभाई है उसकी हर जगह निंदा हो रही है ठाकरे सरकार ओबीसी आरक्षण नहीं देना चाहती , वह सिर्फ समय बर्बाद कर ओबीसी समुदाय को धोखा देना चाहती है उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा को सदन में अपनी आवाज उठाने से रोकने के लिए अलोकतांत्रिक कार्रवाई की गई , हालांकि यह स्पष्ट है कि ओबीसी आरक्षण के लिए आवश्यक जानकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार तैयार की जानी है और ऐसी जानकारी केवल एक पिछड़ा वर्ग आयोग नियुक्त करके तैयार की जा सकती है ठाकरे सरकार केवल इसमें एक प्रस्ताव भेजकर विलंब कर रही है लेले ने चेतावनी दी कि जब तक ठाकरे की सरकार की अनिच्छा के कारण खोया हुआ आरक्षण वापस नहीं मिल जाता तब तक भाजपा का हर कार्यकर्ता संघर्ष करेगा |