ठाकरे और शिंदे गुट में चरम पर पहुंचा वाकयुद्ध


ठाणे ।  जब से शिवसेना में बगावत हुई है ठाणे शहर महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र निश्चित तौर पर बन चुका है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का प्रयास है कि ठाणे शहर में उद्धव ठाकरे गुट का करीब करीब सफाया हो जाए इसी को लेकर दोनों ही गुटों में रस्साकशी चल रही है खासकर इस समय शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हस्के और शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद राजन विचारे के बीच वाक युद्ध चरम पर पहुंच चुका है |

विचारे और म्हस्के ने परस्पर एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोप लगाकर राजनीतिक वातावरण को पूरी तरह से गरमा दिया है इस बीच उद्धव बालासाहेब ठाकरे शिवसेना के सांसद राजन विचारे ने विस्फोटक आरोप लगाया है कि उनके गुट के पदाधिकारियों को सत्ताशक्ति का भय दिखाकर दलबदल कराया जा रहा है , इस संदर्भ में उन्होंने भास्कर पाटील का नाम लिया है , विदित हो कि भास्कर पाटील ठाकरे गुट में थै उन्हें पार्टी में ठाणे विधानसभा क्षेत्रप्रमुख नियुक्त किया गया था लेकिन एकाएक उन्होंने अपना पाला बदल शिंदे गुट में प्रवेश ले लिया  इसी मुद्दे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विचारे ने कहा कि ठाणे शहर में राजनीतिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही है इसी दौरान शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि जब नारायण राणे ने शिवसेना से बगावत की थी तो नरेश म्हस्के कांग्रेस में प्रवेश करने वाले थे । 

 लेकिन उनकी पहल के कारण दलबदल संभव नहीं हो पाया  इस पर प्रत्युत्तर देते हुए म्हस्के ने कहा है कि बिचारे ने उनके कंधे पर बंदूक रखकर उस समय गोलियां चलाई थीराजन विचारे ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि भास्कर पाटिल का गुट प्रवेश अपराधिक मामलों का भय दिखाकर किया गया है उन्हें फर्जी मामले में फसाने की धमकी दी गई जिस कारण उन्होंने गुट बदला है प्रतिउत्तर में नरेश म्हस्के ने कहा है   कि भास्कर पाटिल शुरू से ही शिंदे गुट में शामिल रहे हैं दूसरी ओर विचारे ने कहा कि म्हस्के का दावा पूरी तरह से मानगढंत है ।