कुर्सी नहीं वैती रहे हैं कर्म के पुजारी

ठाणे | कभी एक सामान्य शिवसैनिक के रूप में अपनी राजनीतिक गतिविधियां समाजसेवा से शुरू करनेवाले अशोक वैती आज किसी परिचय का मोहताज नहीं रहे हैं सदैव कर्म को पहली प्राथमिकता देकर उन्होंने स्थानीय स्तर पर समाजकण का कीर्तिमान स्थापित किया , आज उसी का फल है कि एक मामूली शिवसैनिक वैती को नगरसेवक बनने का मौका मिला तब से लेकर वे अब तक लगातार नगरसेवक रहे इतना ही नहीं उन्हें ठाणे उपमहापौर , महापौर बनने का भी गौरव हासिल हुआ , जनसेवा की साधना के बल पर ही उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की , इस समय ठाणे मनपा में सभागृह नेता के तौर पर काम करनेवाले वैती से ठाणेकरों को अनेक अपेक्षाएं हैं शिवसेना के पूर्व ठाणे जिलाप्रमुख स्व. आनंद दिघे के सानिध्य में रहकर उन्होंने समाजकरण की बारीकी सीखी लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके पदचिन्हों पर चलनेवाले नगरविकास मंत्री , पालकमंत्री एकनाथ शिंदे का मार्गदर्शन और आशीर्वाद वैती को प्राप्त हुआ और आज ठाणे शहर में वे एक निष्ठावान शिवसैनिक के तौर पर समाजकरण और राजकरण का संयोजन कर जनसेवा कर रहे हैं एक अभ्यासु नगरसेवक के तौर पर उनकी पहचान रही है इतना ही नहीं ठाणे शहर के समन्वित विकास में उनका योगदान सदैव चर्चित रहा है |

पहली बार वर्र्ष १९९७ में वे ठाणे मनपा चुनाव में खड़े हुए और किए गए सामाजिक व सेवाभावी कामों के कारण उनकी जीत हुई , उस समय उन्हें स्व. दिघे का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ था तब से लेकर अब तक ठाणे मनपा के हर चुनाव में वे निर्विवाद रूप से चुनकर आते रहे हैं यह एक कीर्तिमान है गत २५ सालों से वे लगातार ठाणेकरों की सेवा स्थानीय स्तर पर कर रहे हैं अपने प्रभाग में रहनेवाले हर नागरिकों के दुख – सुख में वे सहभागी होते रहे हैं नागरिकों की विविध समस्याओं को लेकर दशकों से वे ठाणे मनपा सभागृह में दहाड़ते रहे हैं अक्रामक नगरसेवक के तौर पर पहचाने जाने वाले अशोक वैती ने कभी सामान्य नागरिकों के साथ राजनीतिक आधार पर भेदभाव नहीं किया यही कारण है कि वे लगातार नगरसेवक चुनकर आते रहे हैं और लगातार २५ सालों में भले ही राजनीतिक उठापठक हुई हो लेकिन वे समाजकरण को ही प्राथमिकता देते रहे है अपने कार्यों से उन्होंने ठाणेकरों का विश्वास तो जीता ही , साथ ही शिवसेना नेतृत्व को भी वैती की नेतृत्व क्षमता पर भरोसा बना रहा जिस कारण उन्हें ठाणे शहर का उपमहापौर और महापौर भी बनने का अवसर मिला जबकि इस समय वे ठाणे मनपा में सभागृह नेता के तौर पर ठाणेकरों की सेवा कर रहे हैं |

इतना ही नहीं ठाणे मनपा में महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए उन्होंने कभी भी राजनीतिक भेदभाव नहीं किया , उसी का परिणाम है कि हर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता वैती के सेवाभावी कामों के कायल रहे हैं उनके निजी प्रयास के कारण ही उनके प्रभाग में नागरिकों को हक का घर मिल पाया है प्रभाग में आधारभूत सुविधाओं का जाल बिछाया गया और लगातार २५ सालों से वे गणपति उत्सव का भी आयोजन करते आ रहे हैं इसके साथ ही प्रभाग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का वे नियमित तौर पर आयोजन करते रहे हैं दहीहंडी , रंगपंचमी , होळी , शिवजयंती चित्रकला स्पर्धा , मैदानी खेळ स्पर्धा का वे आयोजन करवाते रहते हैं पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के मार्गदर्शन का आज भी अशोक वैती लाभ ले रहे हैं उनका राजकीय प्रवास अब भी गतिमान है और आगे भी रहेगा |