गंभीर समस्याओं की उपेक्षा कर रहा है मनपा प्रशासन

ठाणे | ठाणे शहर के विकास में निरंतरता बनी रहे इसके लिए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ऐसी स्थिति में ठाणे मनपा प्रशासन का दायित्व अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है इन सबके बीच ठाणे मनपा का जो बजट सामने आया है उसमें कई तरह की खामियां देखने को मिली है इन बातों का जिक्र करते हुए ठाणे मनपा में विरोधी पक्षनेता शानु पठाण का कहना है कि ठाणे शहर में विकास को गति तब मिलेगी , जब विकासकों का विश्वास जीता जाए और विकासकों को प्रोत्साहित करने बजट में किसी तरह के संकेत नहीं मिल रहे हैं और मनपा प्रशासन को सतर्क करते हुए पठाण ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मनपा को अधिक उत्पन्न उसी हालत में प्राप्त हो सकती है जब यहां निर्माण कार्यों को प्रोत्साहन मिले इसके लिए विकासकों का विश्वास जीतना आवश्यक है एक तो कोरोना के कारण बिल्डरों का भी बुरा हाल है इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता है ऐसी स्थिति में विकासकों के साथ बैठक होनी चाहिए , विकासकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे शहर में नए प्रकल्प लाएं यादि ऐसा हुआ तो ठाणे मनपा की आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी |

इसके साथ ही ठाणे शहर हो या आसपास के उपनगर में कचरे को लेकर गंभीर समस्या है मनपा स्थापना के कई दशक गुजर गए लेकिन कचरा से निपटने के लिए एक डंपिंग ग्राउंड उपलब्ध नहीं हो पाया , एक भूखंड भी डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित नहीं किया जा सका आखिर इस स्थिति के लिए दोषी कौन है ? इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है दिवा को डंपिंग ग्राउंड बनाए जाने से वहां के लोगप्रताडि़त हो रहे हैं इन बातों का जिक्र करते हुए पठाण का कहना है कि कचरे से निकलनेवाले धुआं तथा कचरे के गंध असनीय हैं लेकिन मनपा प्रशासन हो या ठाणे मनपा के तमाम नगरसेवक इसको लेकर गंभीर नहीं है ऐसी स्थिति में कैसे स्मार्ट सिटी का सपना देखा जाए , दुख की बात है कि तमाम ठाणेकर स्मार्ट सिटी का सपना पूरा करने संघर्ष कर रहे हैं मनपा प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि सबों की अपेक्षा है कि ठाणे शहर स्मार्ट सिटी बने लेकिन शहर मं परिवहन सेवा का जो हाल है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि सारा कुछ सपने के अतिरिक्त कुछ नहीं है पठाण आगे बताते हैं कि मनपा परिवहन सेवा का बुरा हाल है लेकिन परिवहन सेवा के कायाकल्प के लिए बजट में पर्याप्त प्राावधान नहीं किया गया , इन बातों का जिक्र करते हुए पठाण का कहना है कि ऐसी स्थिति में परिवहन सेवा के दर्जे में सुधार कैसे संभव है और परिवहन कार्यालय में भी अनेक समस्याएं हैं सुविधाओं की भारी कमी है लेकिन उसको लेकर गंभीर चर्चा नहीं की जा रही है यह दुख की बात है कि परिवहन कार्यालय के पास छोटी गाडियां या फिर रिक्षे तक उपलब्ध नहीं हैं परिवहन सभापति विलास जोशी के कार्यालय का भी बुरा हाल है कार्यालय के नूतनीकरण की आश्यकता है |