ऑनलाइन हुई बैंक खाते में से पैसों की चोरी
गोरखपुर | एक तरफ कोरोना का कहर बढ़ रहा है वही दूसरी तरफ इस कोरोना काल में साइबर क्राइम के कई व्यक्ति शिकार हो रहे है ऐसा ही एक सायबर क्राइम का मामला गोरखपुर के बिछिया निवासी में देखने को मिला है आपको बता दे कि कृष्ण मोहन विश्वकर्मा पुत्र स्व. राजपति विश्वकर्मा जिनका खाता बिछिया पी.ए.सी. कैम्प स्थित स्टेट बैंक में है उनके खाते से चौबीस हजार रुपये निकाल लिए गए , बता दे कि कृष्ण मोहन विश्वकर्मा के मोबाइल से दिनांक 15 / 06 / 2021 को 5 बार मे 24000 रू. निकाल लिए गए |
फरियादी के अनुसार सुबह 7 : 22 मिनट पर उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमे 1400 रु. के ऑनलाइन खरीदारी का जिक्र होता है और ओ.टी.पी. मांगा जाता है और फरियादी द्वारा सतर्कता दिखाते हुए OTP नहीं दिया गया लेकिन उसी के 2 मिनट बाद पुनः 1600 रुपये का ठीक वैसा ही मैसेज आता और उसमें भी उसी प्रकार से ओटीपी की माँग की जाती है पर पिछली बार की तरह ओटीपी नहीं दिया जाता है और फिर 10 मिनट के बाद 10000 रु. का ठीक वैसा ही मैसेज दो बार आता है और उसमें भी ओटीपी की माँग की जाती है किन्तु जब तक फरियादी कुछ समझ पाता उनके खाते से कुल 23000 रु. निकाल लिए जाते है जिसके बाद आनन फानन में फरियादी सुबह 10 बजे बैंक जाते है और सारी घटना स्टेट बैंक के मैनेजर को बताते है और अपना खाता व ए.टी.एम. होल्ड करने का दरख्वास्त देते है जिसे मैनेजर द्वारा तत्काल प्रभाव से खाते को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया जाता है फिर फरियादी इसकी सूचना लिखित रूप में पुलिस अधीक्षक अपराध को देते है वहाँ उन्हें उचित कार्यवाही होने का आश्वासन मिलता है |
अभी ये सब चल ही रहा था कि उसी दिन शाम 4 बज के 45 मिनट पर फरियादी के दूसरे बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक में है उससे भी मोबाइल पर 1900 रु. की ऑनलाइन खरीदारी का मैसेज आता है और ओ.टी.पी. मांगा जाता है यह देख फरियादी घबरा जाते है औऱ तुरंत बैंक के लिए रवाना होते है और सारी सूचना बैंक मैनेजर को देते है जिस पर कार्यवाही करते हुए मैनेजर उनके खाते का पूरा ब्यौरा देखते है और बताते है कि उनका पैसा निकालने की कोशिश तो की गई है किंतु सर्वर सही न होने के कारण नहीं निकल सका है अभी मामले की जांच चल ही रही थी कि दिनांक 16/6/2021 को दोपहर के 1 बजे के करीब फरियादी के यूको बैंक के खाते से भी 1000 रुपये निकाल लिया जाता है इन सब की सूचना फरियादी द्वारा बैंक व साइबर क्राइम पुलिस को दे दिया गया है अब देखना ये है कि पुलिस ऐसे जालसाजों पर कब शिकंजा कसेगी या उन्हें उनके इस कार्य के लिए उनकी सराहना करेगी तथा खबर लिखे जाने तक पुलिस द्वारा फरियादी की रिपोर्ट नहीं लिखी गयी है |