परदेशियों की लापरवाही से फैल सकता है कोरोना का संक्रमण

उत्तरप्रदेश  | सरकार भले ही लाॅकडाऊन को लेकर सख्त है और प्रशासन के लोग भी इसका सही से पालन कराने के लिए जुटे हुए है , लेकिन अन्य राज्यों से आने वाले ‘परदेशियो’ की वजह से भविष्य में संक्रमण की आशंका से इन्कार नही किया जा सकता है , अन्य राज्यों से आने वाले ‘परदेशी’ किसी भी तरह जब अपने घर आ जा रहे है तब मनमानी और लापरवाही का खेल प्रारम्भ कर दे रहे है , अधिकतर परदेशी जांच के नाम पर झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे है कि उन्होने जांच कराया है , और ग्राम प्रधान उनकी बातों को मानकर प्रशासन को रिपोर्ट भेज दे रहे है कि उनके गांव में आने वाले परदेशी जांच कराये है और स्वस्थ है तथा उनको 14 दिन के होम क्वारंटाइन में रखा गया है , लेकिन यह केवल सफेद झूठ है , बाहर से आने वाले अधिकतर लोग गांव में लोगों से मिलजुल रहे है , दुकानों पर जा रहे है ।
जो संक्रमण की संभावना को और बढाने में सहायक साबित हो रहा है। भदोही जिले में अभी तक जितने भी मामले प्रकाश में आये है वह ‘परदेशियो’ से जुडे है , लेकिन ग्राम प्रधानों की नरमी और परदेशियों की लापरवाही और मनमानी से जिले में संक्रमण का खतरा दिनों दिन और मजबूत स्थिति में पहुंच रहा है , कहने के नाम पर प्रशासन ने जिले में सभी ग्रामसभा में बाहर से आने वालों के लिए एकांतवास की सुविधा की है , लेकिन सच्चाई यह है कि यह केवल छलावा मात्र है , गांवों में बने ज्यादातर आइसोलेशन सेंटर केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गये है , और जिम्मेदार भी किसी तरह का रिस्क नही लेना चाहते है , दूसरे राज्य से आने वाले परदेशी अपने परिवार के साथ साथ गांव को भी खतरे में डालने से बाज नही आ रहे है , और ग्राम प्रधान केवल इसलिए नही कडा रूख अपना रहे है कि उनको आगामी चुनाव का भी ध्यान है , दूसरी बात कुछ ऐसे भी लोग है जिनको ग्राम प्रधान गांव में बने आइसोलेशन सेंटर या होम क्वारंटाइन का दबाब नही बना सकते है ।
ग्राम प्रधान के अलावा ऊपर के अधिकारी तब जागते है जब कोई मामला प्रकाश में आता है , ऐसे में केवल जिला के जिम्मेदार अधिकारी वही बात सच मान लेते है जो ग्राम प्रधान सूचित करते है , लेकिन परदेशियों की लापरवाही गांव के अन्य लोगों के लिए खतरा न बने इसको ध्यान में रखकर जिला प्रशासन को बाहर से आने वाले सभी परदेशी की जांच में कोई लापरवाही न होनी चाहिए ,  बाहर से आने वाले परदेशी मौखिक रूप से कह देते है कि उन्होने अपना जांच कराया है तो ग्राम प्रधान उनकी बातों को मानकर वही बात प्रशासन को सूचित कर देते है , और गांवों में परदेशियों का मनमानी खेल शुरू हो जाता है। और परदेशी अपने घरों के लोगों के साथ साथ गांव के लोगों से भी अपनी चर्चा जारी करते देखे जा सकते है , प्रशासन को अन्य राज्यों से आने वाले सभी लोगों को 14 दिन तक कडी निगरानी में रखना नितान्त आवश्यक है ।
नही तो इनसे यदि संक्रमण फैला तो प्रशासन केवल मूक दर्शक बन कर पूरा मामला देखेगा बाकी कोई चीज करने को बाकी नही रहेगी , इसीलिए अभी भी बहुत समय है कि बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों पर कडी निगरानी रखी जाये और उनको 14 दिन तक पूर्णतः अलग रखने की व्यवस्था ग्राम प्रधान से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारी तक करने में भूमिका निभाये , इस संकट के दौर में यदि लापरवाही या मनमानी पर ढील दी गई तो कोई भी ताकत संक्रमण को फैलने से नही रोक सकता है , इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए परदेशी, परदेशी के परिजन, ग्राम प्रधान और समस्त जिम्मेदार लोग अपना सहयोग देकर अपनी जिम्मेदारी निभायें ।