अखिल भारतवर्षीय धुरिया महासभा का धरना प्रर्दशन 

महाराजगंज / पंकज माणि त्रिपाठी |       महाराजगंज जिला मुख्यालय पर राजमंगल गोंड की अध्यक्षता मे धुरिया समाज के लोगो ने मुख्य बिंदुओं के आधार पर जिला एवं तहसील प्रशासन के द्वारा गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए परंतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा मनमानी तरीके से धुरिया गोंड जनजाति का प्रमाण पत्र जारी न कर उत्पीड़न किया जा रहा है आखिर क्यों अधिकारों से जानबूझकर वंचित किया जा रहा है उक्त के खिलाफ धरना प्रदर्शन के माध्यम से अधिकारियों कर्मचारियों का विरोध कर उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार को तथा अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार को अवगत कराते हुए न्याय की मांग करते हैं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वर्तमान में दिनांक 23 अक्टूबर 2020 को शासनादेश जारी किया गया है उक्त शासनादेश को दरकिनार करते हुए जिला एवं तहसील प्रशासन के द्वारा मनमाना रुख अपनाते हुए ऑनलाइन आवेदन को निरस्त किया जा रहा है जबकि शासन आदेश में स्पष्ट किया है कि कहार वर्ग में दर्ज 15 मूल निवासी मूल जातियां बाथम वोट , दीधुरिया , गोरिया , जैसवार , काकम , खरवार , मल्हार सिंघाड़िया एवं कुछ अन्य मूल जाति की जांच कर एवं उसके समाज से पूछताछ कर जिसकी जो मूल जाति जाएगी उसको उस वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए परंतु वर्तमान समय में तहसील प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है धुरिया समाज के लोगों ने अपनी माँगों को सदर तहसील के एस.डी.एम. साई तेजा सीलम को अपना ज्ञापन दिया , इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात को सरकार और अधिकारियों तक पहुँचाने का प्रयास किया गया , अब देखना यह दिलचस्प होगा सरकार और अधिकारियों पर इसका असर दिखता है या इन्तजार करना रहेगा           |