अयोध्या में होगा सभी परंपराओं का संगम  

अयोध्या |   अयोध्या में राम जन्मभूमि शिलान्यास कार्यक्रम के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भारत की मिट्टी में जन्मीं प्रमुख 36 परंपराओं के 135 संतों और अन्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है नेपाल के संत भी आएंगे आपको बता दे की समारोह में आने वालों को निमंत्रण पत्र और परिचय पत्र लाना होगा और 10:30 के बाद समारोह में एंट्री नहीं मिलेगी राय ने बताया कि निमंत्रण पत्र पर सिक्योरिटी कोड है जिससे यह एक बार ही इस्तेमाल होगा कार्यक्रम में मोबाइल और बैग लाने पर रोक है मंच पर प्रधानमंत्री के साथ ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास , राज्यपाल आनंदीबेन पटेल , संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे प्रधानमंत्री 9 शिलाओं की स्थापना करेंगे , राय ने 5 अगस्त को भगवान राम को पहनाए जाने वाले हरे रंग के पोशाक पर हो रहे विवाद पर सफाई दी उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मोदी से डर है या वे हरे रंग से प्रभावित हैं यह मुझे नहीं मालूम भगवान राम के शृंगार में वस्त्रों का चयन करना मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी है और यही परंपरा है इसका संबंध पी.एम.ओ. या ट्रस्ट से नहीं है उन्होंने कहा की हरा रंग प्रकृति और भारत की समृद्धि का प्रतीक है बुध ग्रह का संबंध हरे रंग से है रामलला विराजमान वहां जब से बैठे हैं इस परंपरा का पालन तभी से हो रहा है इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है दरअसल कुछ लोगों ने इसे इस्लाम से जोड़ दिया था  |

राय ने कहा कि दशनामी सन्यासी परंपरा , रामानंद वैष्णव परंपरा , रामानुज परंपरा , नाथ परंपरा , निंबार्क , माधवाचार्य , वल्लभाचार्य , राम स्नेही , कृष्ण प्रणामी , उदासीन , निर्मल संत , कबीर पंथी , चिन्मय मिशन , रामाकृष्ण मिशन , लिंगायत , वाल्मीकि संत , रविदासी संत , आर्य समाज , सिख समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया है बौद्ध , जैन , संत कैवल्य ज्ञान , संत पंथ , इस्कान , स्वामी नारायण , वारकरी , एकनाथ , बंजारा संत , वनवासी संत , आदिवासी गौंड , गुरु परंपरा , भारत सेवाश्रम संघ , आचार्य समाज , संत समिति , सिंधी संत , अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी को भी निमंत्रण भेजा गया है उन्होंने बताया कि चातुर्मास में पीठ पर जो संत बैठे हैं उनके नाम लिस्ट से हटाए गए हैं एक – एक व्यक्ति से फोन से बात करके पूछा गया है कि आप आ पाएंगे या नहीं आपको बता दे की श्रीराम जन्मभूमि पर पूजन का क्रम 108 दिन पहले यानि 18 अप्रैल से शुरू हो गया था इसमें हर दिन वेदपाठ , पुरुष सूक्त , श्रीसूक्त , अघोर मंत्र , वास्तु ग्रह , नक्षत्र शांति के पाठ और विश्व सहस्त्र नाम , श्रीराम सहस्त्रनाम , हनुमान सहस्त्र नाम , दुर्गा सप्तशती पाठ के मंत्रों से हवन और रुद्राभिषेक किया गया इससे पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ है पूरे देश से 1500 से अधिक स्थानों की पवित्र मिट्टी , 2000 से भी अधिक स्थानों , 100 से भी अधिक पवित्र नदियों और कुंडों से जल अयोध्या लाया गया है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के खाते से 3 करोड़ रुपए दान देने का एलान किया है इसमें से 1 करोड़ वे दे चुके हैं मोरारी बापू की तरफ से 18 करोड़ की राशि मिल चुकी है  |