अयोध्या में होगा सभी परंपराओं का संगम
राय ने कहा कि दशनामी सन्यासी परंपरा , रामानंद वैष्णव परंपरा , रामानुज परंपरा , नाथ परंपरा , निंबार्क , माधवाचार्य , वल्लभाचार्य , राम स्नेही , कृष्ण प्रणामी , उदासीन , निर्मल संत , कबीर पंथी , चिन्मय मिशन , रामाकृष्ण मिशन , लिंगायत , वाल्मीकि संत , रविदासी संत , आर्य समाज , सिख समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया है बौद्ध , जैन , संत कैवल्य ज्ञान , संत पंथ , इस्कान , स्वामी नारायण , वारकरी , एकनाथ , बंजारा संत , वनवासी संत , आदिवासी गौंड , गुरु परंपरा , भारत सेवाश्रम संघ , आचार्य समाज , संत समिति , सिंधी संत , अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी को भी निमंत्रण भेजा गया है उन्होंने बताया कि चातुर्मास में पीठ पर जो संत बैठे हैं उनके नाम लिस्ट से हटाए गए हैं एक – एक व्यक्ति से फोन से बात करके पूछा गया है कि आप आ पाएंगे या नहीं आपको बता दे की श्रीराम जन्मभूमि पर पूजन का क्रम 108 दिन पहले यानि 18 अप्रैल से शुरू हो गया था इसमें हर दिन वेदपाठ , पुरुष सूक्त , श्रीसूक्त , अघोर मंत्र , वास्तु ग्रह , नक्षत्र शांति के पाठ और विश्व सहस्त्र नाम , श्रीराम सहस्त्रनाम , हनुमान सहस्त्र नाम , दुर्गा सप्तशती पाठ के मंत्रों से हवन और रुद्राभिषेक किया गया इससे पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ है पूरे देश से 1500 से अधिक स्थानों की पवित्र मिट्टी , 2000 से भी अधिक स्थानों , 100 से भी अधिक पवित्र नदियों और कुंडों से जल अयोध्या लाया गया है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के खाते से 3 करोड़ रुपए दान देने का एलान किया है इसमें से 1 करोड़ वे दे चुके हैं मोरारी बापू की तरफ से 18 करोड़ की राशि मिल चुकी है |