इधर राफेल का मुद्दा उठा रहे है राहुल, उधर बोफोर्स पर कांग्रेस को मिली राहत

दिल्ली :- जहाँ राहुल गाँधी राफेल के मुद्दों पर बात कर रहे वही बोफोर्स तोप सौदे मामले में कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल पहले हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने में हुई देरी होने  के आधार पर सुनवाई करने से मना कर दिया था ,कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिस समय राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रहे थे ठीक उसी समय उनकी पार्टी और खुद उनके लिए बड़ी राहत की खबर सुप्रीम कोर्ट से आई जिसमें देश की शीर्ष अदालत ने सीबीआई की अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया |
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स तोप रिश्वतकांड मामले की सुनवाई हुई जिसमें उसने अपील के लिए 4700 दिन की देरी के आधार पर सुनवाई करने से मना कर दिया. इस संवेदनशील मामले में सीबीआई ने साल के शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की थी |
13 साल पहले HC ने दिया था फैसला बोफोर्स मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध 13 साल के विलंब के बाद यह अपील दायर की गई थी. यह मामला सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ के सामने आया जिसने सुनवाई करने से इनकार कर दिया |
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के 31 मई 2005 के फैसले के खिलाफ इस साल दो फरवरी को एक अपील दायर की थी, वहीं बीजेपी नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने भी 2005 में शीर्ष न्यायालय में एक अपील दायर की थी, हालांकि सीबीआई हाईकोर्ट के आदेश को  90 दिनों के अंदर चुनौती देने में नाकाम रही थी |

बोफोर्स केस 1987 में सामने आया था. इसमें स्वीडन से तोप खरीदने के सौदे में रिश्वत के लेन-देन के आरोपों में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी और दिवंगत इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी के नाम घिर गए थे. 1989 में कांग्रेस को इसकी वजह से सत्ता तक गंवानी पड़ी थी |

भारत सरकार और स्वीडन सरकार के रूप में एबी बोफोर्स कंपनी से तोपों को लेकर 1437 करोड़ रुपये की डील हुई थी. भारतीय सेना को इसकी पहली किस्त 24 मार्च, 1986 को मिली थी, वहीं 16 अप्रैल, 1987 में स्वीडन के एक रेडियो में इसमें दलाली की बात की थी |