संघ का ऐलान- राम मंदिर के लिए हो सकता है 1992 जैसा आंदोलन

जहाँ राम मंदिर को लेकर राजनीती इस समय चरम सीमा पर है वही भैयाजी जोशी ने कहा कि हमें अपेक्षा है कि भव्य राम मंदिर बनेगा और कोर्ट  भावनाओं का ध्यान रखते हुए ही फैसला देगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट से अपेक्षा भी काफी लंबी हो चुकी हैं, मामले    को सुप्रीम कोर्ट में भी 7 साल हो चुके हैं | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ     के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि जरुरत    पड़ने पर फिर से 1992 की तरह राम मंदिर के लिए आंदोलन     किया जा सकता है ,क्यों  कि राम मंदिर को लेकर इंतजार        काफी लंबा हो गया है |

भैयाजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरीके से राम मंदिर पर फैसला दिया उसे हम सब चकित है और इस टिप्पणी से हिन्दुओं         की भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर 30 साल से आंदोलन चल रहा है और कोर्ट को हिन्दुओं की भावनाओं को ख्याल रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि आगे   कोर्ट हिन्दुओं को भावनाओं को ध्यान रख कर फैसला देगा |

भैयाजी  ने कहा कि हमें अपेक्षा है कि भव्य राम मंदिर बनेगा    उन्होंने यह भी कहा कि 3 जजों की बैंच के गठन के बाद हमें फैसले की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो 1992 की तरह फिर से राम मंदिर को लेकर आंदोलन करेंगे |

राम मंदिर के लिए अध्यादेश के सवाल पर जोशी ने कहा कि अध्यादेश जिनकों मांगना है वो मांगेंगे. लेकिन इसके लिए फैसला सरकार को करना है. उन्होंने कहा कि राम सबके हृदय में रहते हैं और वो मंदिरों को द्वारा  प्रकट होते हैं |

जोशी तीन दिन तक चली RSS की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे. शुक्रवार को ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस बैठक के खत्म होने पर संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. इस बैठक में भागवत के अलावा शाह और कई अन्य संघ नेताओं से भी मिले थे |