गाजीपुर पहुंचे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने रोका

दिल्ली |       कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 71वां दिन है और इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल आज फिर बढ़ गई और शिरोमणि अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिरत कौर बादल समेत 10 विपक्षी दलों के 15 नेता आज किसानों से मिलने गाजीपुर पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया जिसके बाद विपक्षी नेता बार-बार गुजारिश करते रहे कि उन्हें किसानों से मिलने दिया जाए लेकिन पुलिस नहीं मानी आखिर उन्हें बिना मिले ही लौटना पड़ा , डेलिगेशन में शामिल NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इस मामले को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के नोटिस में लाएंगे , और वही दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत के कृषि कानूनों की तारीफ की है उसका कहना है कि इन सुधारों से भारतीय बाजार मजबूत होगा और निजी निवेश भी बढ़ेगा और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका किसी भी शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करता है यह लोकतंत्र की पहचान है अगर कोई मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है और दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान अपना आंदोलन तेज करने की स्ट्रैटजी में जुटे हैं इसी सिलसिले में हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में बुधवार को किसान महापंचायत हुई , जिसमे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना ही होगा और टिकैत ने आगे कहा कि अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी ? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है ठीक ऐसा ही हो रहा है बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है लेकिन किसान डरेगा नहीं किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे और सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इंकार कर दिया , उन्होंने कहा कि कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते जो कमेटी के सदस्य हैं वहीं रहेंगे                    |

आपको बता दे कि महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास किये गए है जिसमे से पहला तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले है दूसरा MSP का कानून बनाए तीसरा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करे चौथा पकड़े गए लोगों को और जब्त किए गए ट्रैक्टर छोड़े जाएं और किसानों का कर्ज माफ हो इत्यादि प्रस्ताव पास किये गए है और केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं 576 DTC बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया है ये बसें किसान आंदोलन में सुरक्षाबलों की आवाजाही में लगी हैं दिल्ली परिवहन विभाग ने DTC को ये निर्देश भी दिए हैं कि बिना सरकार की इजाजत के दिल्ली पुलिस को बसें नहीं दें और किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले 24 घंटे में कई विदेशी हस्तियां सामने आईं , जिसमे क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे भारत में किसानों के आंदोलन के साथ हैं वहीं पॉप सिंगर रिहाना ने लिखा कि आखिर हम किसान आंदोलन के बारे में चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं इन पर भारतीय सेलेब्रिटीज ने पलटवार भी किया , रिहाना को जवाब देते हुए कंगना रनोट ने लिखा कि बैठ जाओ मूर्ख हम तुम लोगों की तरह अपना देश नहीं बेच रहे , कोई भी इस मुद्दे पर इसलिए बात नहीं कर रहा क्योंकि हिंसा फैला रहे लोग किसान नहीं आतंकी हैं         |