गोला में सात वर्ष का बच्चा रमजान की नमाज अदा कर रहे बच्चे को कोरोना से मुक्ति दिलाने से की दुआ माँग रहे है

गोला / गोरखपुर /जोखन प्रसाद | रहमत और बरकत का पाक माह रमजान में बड़ों के साथ छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों में रोजा को लेकर काफी उत्साह है , रोजा के साथ घरों में माता व पिता के साथ पांचों वक्त का नमाज अदा भी कर रहे हैं , रमजान की नमाज अदा कर रहे बच्चे को करोना से मुक्ति दिलाने की दुआ मांग रहे हैं |


बच्चों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लाँकडाउन नहीं रहता तो हम लोग मस्जिद में नमाज अदा करते , सहरी में जगना अच्छा लगता है 7 वर्ष अबू तलहा का कहना है कि लाँकडाउन के वजह से ना तो रोजा की कुसाई कि रस्म हुई और न ही दावत कि महफ़िल सजी बता दें कि बच्चा पहला रोजा रखते हैं तो एक रस्म अदा होती है जिसे रोजा कुसाई कहते हैं और लोगों को दावत पे बुलाई जाती है  |

लाँकडाउन को देखते हुए घर में कोई रस्म अदा न हो पाई और अबू तलहा ने नमाज पढ़ा और रोजा रखा रोजा कुसाई को लेकर स्कूल के दोस्तों को पहले ही बोल दिया था उन्होंने कहा कि पहले रोजे के बाद दूसरे रोजे रखने में कोई परेशानी नहीं आई दो चार बार रोजा रखने से आदत बन जाती है  |


8 वर्ष अनस जेबादीया कहते हैं कि पहली बार रोजा रख रहा हूं रोजा से अल्लाह खुश रहते हैं 7 वर्ष अल्तमस रिजवान पहली बार रोजा रख रहे हैं उन्होंने बताया कि मुझे सहरी में जागना अच्छा लगता है 10 वर्षी शमीमा परवीन ने बताया कि रोजा रखने से अल्लाह खुश रहते है |

 

मेरे अन्य भाई बहन भी रोजा रख रहे हैं इयसलिए मैं भी रोजा रख रही हूं इस बार घर में सभी रोजा रख रहे हैं रमजान में रोजा रखने से काफी खुशी मिलती है  |