चंद्रशेखर सिंह की पुत्री व पूर्व शिक्षक उदय राज सिंह की पौत्री गरिमा सिंह के बदले भाग्य 

महाराजगंज , नौतनवा / विजय गुप्ता |       समय और भाग्य को कुछ कहा नहीं जा सकता प्रकृति के चलते कब कहां करवट ले सकती है इसी तरह का एक मामला संज्ञान में आया है जो नौतनवा तहसील क्षेत्र ग्राम सभा खैरवा दूबे का है ईश्वर ने एक ही साथ दो दो तोफाए दी है जहां एक तरफ रसम और रिवाज के साथ प्रेम के सूत्र बंधन में बंधने की भरपूर तैयारी चल रही थी कि उसी समय शिक्षक भर्ती का भी सूची में नाम आ गया जिसके चलते गरिमा सिंह सहित परिवार के सभी लोग काफी हर्षोल्लास में दिखे यहां तक की मायके से आए सभी परिवार के लोगों में भी काफी खुशी का माहौल बन गया कि बहुत ही भाग्यशाली परिवार हम लोगों को मिला आज का यह समय दीन तारीख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है जीवन पर्यंत याद रखने का यह समय है जो एक साथ हम लोगों को दो दो खुशियां प्राप्त हुई , एक तरफ जहां प्रेम के बंधन में बंधे दूल्हा और दुल्हन की जोड़ी तो दूसरी तरफ ईश्वर की असीम अनुकंपा से मेरी बहू को एक शिक्षक का पद प्राप्त हो गया जिससे हम लोग काफी गौरवान्वित है खुशी की कोई सीमा नहीं है     |