न्याय पाने को वृद्धा ने किया आत्मदाह

दो वर्ष से मुख्यमंत्री जनता दरबार,जिला-तहसील प्रशासन व स्थानीय पुलिस का पीडित परिवार लगा रहा था चक्कर 

गोला गोरखपुर  |

बड़हलगंज थाना क्षेत्र के पद्लपार ( नरयनापुर ) में दो वर्षो से चले आ रहे जमीनी विवाद से तंग आकर वृद्ध महिला ने किया आत्मदाह  वर्षो से संबंधित अधिकारी व स्थानीय पुलिस का चक्कर काट रहे थे पीड़ित के परिवार के लोग  जमीन को लेकर चल रहा था मुकदमा फिर भी दुसरा पक्ष लगातार करा रहा था निर्माण कार्य ।

उत्तर-प्रदेश के सोनभद्र मे जमीनी विवाद के लम्बे समय से चल रहा विवाद सामूहिक हत्याकांड का कारण बना और दर्जन भर लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा , जिसके उपरांत शासन व प्रशासन को यह समझना चाहिए कि किसी भी विवाद को जल्द से जल्द हल कर  सभी पक्षों को संतुष्ट कर किसी अनहोनी को होने से रोका जा सकता है , लेकिन सोनभद्र की घटना से कहीं भी शासन व प्रशासन सीख लेता नही नजर आ रहा है , जिसका ताजा उदाहरण बड़हलगंज थाना क्षेत्र के नरयनापुर में देखने को मिला   ।

शुक्रवार की सुबह दो वर्षों से चल रहे जमीनी विवाद को सुलझता नहीं देख 85 वर्षीय राजकुमारी देवी पत्नी स्व शेषनाथ शुक्ल ने पुरे परिवार के साथ आत्मदाह करने की कोशिश की जिसमें वह बुरी तरह से झुलस गयीं , परिवार के लोग उन्हें एंबुलेंस से सीएचसी गोला लेकर गये जहां डाक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।


इस मामले में महिला के बेटे शैलष शुक्ल पुत्र स्व शेषनाथ शुक्ल ने शासन व प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लिखित रूप में बताया कि हमारी जमीन पक्की सडक के किनारे 106 ग है तथा रकबा 22 डिसमिल है जबकी गांव के ही विनोद शुक्ल , दिनेश शुक्ल व रमेश शुक्ल पुत्र स्व मिठाई लाल शुक्ल उस जमीन पर कब्जा कर के जबरदस्ती मकान बना रहे हैं , जमीन पर हो रहे कब्जे को लेकर उन्होंने दो साल से लगातार मुख्यमंत्री जनता दरबार , जिला प्रशासन , तहसील प्रशासन व स्थानीय थाने पर 50 से अधिक प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद पीड़ित ने न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा भी किया तथा कोर्ट ने विवादित स्थल पर स्थगन आदेश दिया जमीन पर दुसरा पक्ष  लगातार कार्य करता चला गया तथा स्थानीय प्रशासन ने कार्य को बंद नहीं होने दिया ।

लिहाजा पीड़ित को ही 107/16 में पुलिस  द्वारा बंद कर दिया गया , पीड़ित के मुताबिक जमीन पर दीवाल तैयार कर के शुक्रवार को छत लगाने की तैयारी हो रही थी जिसे रोकने के लिए वह गया लेकिन दुसरे पक्ष के लोग उसे मारने पीटने लगे ,  जिससे क्षुब्ध होकर पूरे परिवार सहित मिट्टी का तेल छिडक कर आग लगा कर महिला  ने आत्मदाह कर लिया और बुरी तरह झुलस गयी जो जिला अस्पताल मे जिन्दगी और मौत से  जूझ रही है ।

पीड़ित ने अपने दिये गये बयान में बताया कि पिछले थाना दिवस पर स्थानीय थाने पर एसडीएम गोला अरूण कुमार सिंह व बड़हलगंज थाने द्वारा मकान को बनने देने की बात कहा जाता है अन्यथा ऐसा न करने पर झुठे मुकदमे में फसाने की बात भी कही जाती है  ।

  क्या कहता है दुसरा पक्ष  

आत्मदाह करने वाली महिला के विपक्षी दिनेश शुक्ल का कहना है कि विवादित बागीचा 6 लोगो का 95 डिस्मिल का रकबा है , सभी लोग अपने अपने नं पर काबिज हैं हमारे पास सभी कागजात है मैने तहसील प्रशासन व थाने में प्रार्थना पत्र देकर मामला सुलझाने की गुजारिस कर चुका हू लेकिन विपक्षी सामूहिक स्टे लाकर दो साल से सबको उलझाया है जबकि सामूहिक स्टे नही मिलता है मै अपने पुराने हिस्से के 106 च मे मकान बनवा रहा हूं जिसकी दीवाल लिंटर तक बनकर तैयार है एसडीएम महोदय ने आदेश भी दे दिया है और लेखपाल जमीन की नपी भी कर चुके है ।

  क्या कहते है जिम्मेदार  

उपजिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह का कहना है कि राजकुमारी पत्नी स्व शेषनाथ शुक्ल,शैलेष और दिनेश शुक्ल के बीच कब्जे को लेकर विवाद है , जिसमे दिनेश शुक्ल द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र के अनुसार जिस नंबर 106च में निर्मण किया जा रहा उसमे राजकुमारी पुत्र शैलेश  का हस्तक्षेप विधिक नही है , शैलेश आदि की दावेदारी 106 ग में है ना कि 106 च में क्षेत्राधिकारी सतीश चंद्र शुक्ल ने कहा कि शुक्रवार को दिनेश शुक्ल द्वारा छत का निर्माण किया जा रहा था जिसको लेकर राजकुमारी द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया  पूर्व में दोनो पक्षो के खिलाफ प्रीवेन्टिव कार्यवाही (151 सीआरपीसी और 107/116 सीआरपीसी) की जा चुकी है आज छत निर्माण की सूचना भी थाने और यूपी 100 पर नही दी गयी थी  ।