परहित बस जिनके मन माहीं तिनके जग कछु दुर्लभ नाही

विनीत तिवारी

दिवा । इस संसार में जो दूसरे का हित सोचता है। जो दूसरों का भला करता है ,उसके लिए इस संसार में कोई भी चीज दुर्लभ नहीं है।ताहि देइ गति राम उदारा, शबरी के आश्रम पग धारा। जटायु को मोक्ष देकर राम जी शबरी के आश्रम में पधारे तब सबरी राम जी को देख कर भाव विभोर होकर उनके चरणों में गिर गई। तब राम जी शबरी को अपनी नौ प्रकार की भक्ति बताते हैं। प्रथम भक्ति संतन कर संगा, दूसरी रति मम कथा प्रसंगा, प्रभु राम जी शबरी को बताते हैं कि मेरी पहली भक्ति संतो की संगत करना और दूसरी भक्ति जहां मेरा कथा प्रसंग हो रहाहै उसे मन से ध्यान लगाकर सुनना। गुरु के चरणों की सेवा करना ऐ मेरी तीसरी भक्ति है। मेरे नामो का गुणगान करना,मेरे नामों का जाप करना ऐ मेरी चौथी भक्ति है। मेरे मंत्रों में दृढ़ विश्वास करके जाप करना ऐ मेरी पांचवी भक्ति है। जिसे वेदों और पुराणों में गाकर बताया है। सारे जगत को राम में देखना और मुझसे अधिक संतों को मानना ऐ मेरी सातवीं भक्ति है। जो मिल जाए उसमें संतोष करना स्वप्न मात्र में भी दूसरों के वैभव को मत देखना और दूसरों के दोषों मत देखना यह मेरी आठवीं भक्ति है। नौवीं भक्ति सबसे सरल है। अगर तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है, तुम मेरे भरोसे रहो मैं तुम्हारे जीवन का वेड़ा पार कर दूंंगा। यह मेरी नौ प्रकार की भक्ति है।

दिवा में पिछले नौ दिनों से लगातार दिवा पूर्व स्थित धर्मवीर नगर मैदान प्रांगण में आयोजित रामलीला कार्यक्रम में शिवसेना के विधायक व दिवा रामलीला के सहयोगी सुभाष भोईर, दिवा शिवसेना के विभाग प्रमुख उमेश भगत, मुंब्रा पुलिस थाने के सीनियर पी आई किशोर पासलकर एवं शिवसेना के तीन राष्ट्रीय संगठक गुलाब दुबे ,अशोक तिवारी, अखिलेश तिवारी के साथ ठाणे शिवसेना लोकसभा संघटक व उत्तर भारतीय नेता शशि यादव, समाजसेवी कंचन सिंह, दिवा व्यापारी संगठना के अध्यक्ष चेतन भीम पाटील सहित बड़ी संख्या में राम भक्तों ने भगवान राम के चरित्र पर आधारित रामलीला में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस शुभ अवसर पर आए हुए अतिथियों का सत्कार दिवा रामलीला मंडल टीम द्वारा शाल, रामनामी, ट्राफी तथा पुष्प गुच्छ देकर सत्कार किया गया।