फादर स्टेन स्वामी की मौत , विभिन्न संगठनों ने दिया विरोध धरना

ठाणे | सामाजिक न्याय और आदिवासियों के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले फादर स्टेन स्वामी का न्यायिक हिरासत में निधन हो गया , जबकि 85 वर्षीय स्टेन स्वामी बीमार थे और उनकी गंभीर स्थिति के बाद भी उचित उपचार नहीं दिया गया था , केंद्र सरकार एक तरह से हत्यारी है सोनी की मौत के खिलाफ ठाणे शहर में विभिन्न संगठनों ने सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन किया , कथा जिला प्रशासन को इस बाबत निवेदन देकर राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि उक्त मामले की गहन जांच शासकीय स्तर पर कराई जाए  |

इस विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय समन्वयक जन आंदोलन , श्रमिक जनता संघ , INTAC , संग्रहालय फाउंडेशन , भारतीय महिला संघ , बहुजन असंगठित श्रमिक संघ , SIP , समता विचार प्रसारक संस्था , RMPI और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सामाजिक न्याय के लिए कई कार्यकर्ताओं और दलित आदिवासियों को देशद्रोह के झूठे आरोप में जेल में डाल दिया गया है केंद्र सरकार कट्टर , आतंकवादी और यू.ए.पी.ए. अधिनियम का दुरुपयोग करने वाले कुछ समूहों का समर्थन करके सामाजिक परिवर्तन लाने की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं पर नकेल कस रही है सरकार विपक्ष की आवाज को दबा कर परोक्ष रूप से तानाशाही कर रही है और केंद्र सरकार के संविधान विरोधी रुख की निंदा की गई , फादर स्टेन स्वामी की मौत की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए , यू.ए.पी.ए. और देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद निर्दोष कार्यकर्ताओं के मामले में कानून की उचित प्रक्रिया के बाद तुरंत जमानत दी जानी चाहिए , होने के निवासी जिलाधिकारी डॉक्टर शिवाजी पाटिल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा गया था , प्रतिनिधिमंडल में जगदीश खैरलिया , सचिन शिंदे , लक्ष्मी छाया पाटिल , टी. ललिता , निर्मला पवार , सुब्रतो भट्टाचार्य , अजय भोसले , धोंडीराम खराटे , सुनील दिवेकर , उमाकांत पावस्कर , लीलेश्वर बंसोड़ , भास्कर गावले , ओंकार गरड और अन्य कार्यकर्ता शामिल थे |

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