फिल्म अभिनेत्री आशालता वाबगांवकर का सातारा में निधन

मुंबई |      मराठी और हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी एक्ट्रेस आशालता वाबगांवकर का मंगलवार को 83 साल की उम्र में निधन हो गया बता दे कि वो कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से महाराष्ट्र के सातारा में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थीं मंगलवार सुबह करीब 4.45 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली थी उनके परिवार के अनुसार वे सातारा में अपने मराठी सीरियल आई कलुबाई की शूटिंग करने पहुंची थीं जहां पर उनमे कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उनका टेस्ट करवाया गया संक्रमण की पुष्टि और सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें आई.सी.यू. में भर्ती करवाया गया था बता दे कि कोरोना की वजह से आशालता का अंतिम संस्कार सतारा में ही किया जाएगा और यह 31 मई , 1941 को गोवा में पैदा हुईं थी आशालता एक मराठी गायिका , नाटककार और फिल्म अभिनेत्री के रूप में प्रसिद्ध थीं और उनकी स्कूलिंग मुंबई के सेंट कोलंबो हाई स्कूल , गिरगांव में हुई थी 12वीं के बाद कुछ समय तक उन्होंने मंत्रालय में पार्ट टाइम काम भी किया इसी दौरान उन्होंने आर्ट में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी उन्होंने नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एम.ए. किया था उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के मुंबई केंद्र पर कुछ कोंकणी गाने भी गाए थे  | 

आपको बता दे कि आशालता ने 100 से ज्यादा हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम किया था बॉलीवुड में पहली बार वे बासु चटर्जी की फिल्म अपने पराए में नजर आईं थी इसके लिए उन्हें बंगाल क्रिटिक्स अवार्ड और बेस्ट सह कलाकार का फिल्मफेयर भी मिला था फिल्म जंजीर में उन्होंने अमिताभ बच्चन की सौतेली मां का किरदार भी निभाया था और आशालता ने अंकुश , अपने पराए , आहिस्ता आहिस्ता , शौकीन , वो सात दिन , नमक हलाल और यादों की कसम समेत कई शानदार हिन्दी फिल्मों में काम किया उन्हें द गोवा हिंदू एसोसिएशन द्वारा प्रस्तुत नाटक संगीत सेनशैकोलोल में रेवती की भूमिका में आशालता ने अपनी नाटकीय करियर की शुरुआत की थी मराठी नाटक मत्स्यगंधा आशालता के अभिनय करियर में एक मील का पत्थर साबित हुआ इसमें उन्होंने गार्द सबभोति चली सजनी तू तर चफकली , अर्थशुन्य बोसे मझला कला जीवन गीत भी गाया था   |