अस्पताल के बड़ी मछलियों पर ठाणे मनपा की कब होगी कार्यवाही ?

पिछले साल 70 अस्पतालों को नोटिस लेकिन अब तक नहीं कोई कार्रवाई

ठाणे |     फायर एन.ओ.सी. और जैव – चिकित्सा अपशिष्ट सुविधाओं की कमी के कारण ठाणे मनपा ( टी.एम.सी. ) ने हाल में ही कलवा के तीन अस्पतालों को सील कर दिया है लेकिन ठाणे मनपा की सीमा में कई ऐसे अस्पताल है जो कि नियमों को ताक पर रखकर संचालन कर रहे और मरीजों की जान को जोखिम में डाले हुए है लेकिन ऐसे बड़ी मछलियों पर मनपा प्रशासन की तरफ से कार्रवाई होता नजर नही आ रहा है इतना ही नही कई अस्पताल ऐसे भी जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन भी है और राज नेताओं के दबाव के कारण संवधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है गौरतलब है कि 12 अगस्त की रात को ठाणे के वाघबिल इलाके में मौजूद दिशा अस्पताल में आग लग गई धुएं के गुबार ने अस्पताल में कोविड के रोगियों को बारिश में जाने के लिए मजबूर कर दिया था सौभाग्य से इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन इस अस्पताल और शहर के अन्य अस्पतालों में आग से सुरक्षा का मुद्दा फिर से सामने आ खड़ा हुआ था दरअसल पिछले वर्ष उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर होने के बाद अदालत ने ठाणे मनपा को फायर एन.ओ.सी. के बिना लगभग 70 अस्पतालों को बंद करने का आदेश दिया था मनपा प्रशासन ने एक बाद के सर्वेक्षण में अन्य 50 अस्पतालों को दोषी पाया गया था जिसमें से केवल 15 अस्पतालों को ही सील किया गया था अस्पतालों द्वारा मनपा को जानकारी दी गई थी कि सभी अस्पतालों ने फायर ब्रिगेड से अग्नि सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी लेते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है सूत्रों की माने तो मनपा अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सभी अस्पताल बिना फायर एन.ओ.सी. के काम कर रहे है आर.टी.आई. के तहत मिली जानकारी के आधार पर निजी अस्पतालों , फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के बिना नर्सिंग होम चलाने का मामला 2019 में जनहित याचिका के माध्यम से सामने आया था याचिका जनवरी में दायर की गई थी उस समय ठाणे के 452 अस्पतालों और नर्सिंग होम में से 405 के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र नहीं थे ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 50 प्रतिशत से अधिक निजी अस्पताल नर्सिंग होम बिना प्रमाण पत्र के चल रहे हैं मनपा की ओर से अधिवक्ता अरविंद असवानी द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने 375 अस्पताल नर्सिंग होम के पंजीकरण का नवीनीकरण किया था जिसमें से केवल 181 अस्पतालों को ही अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र मिला 70 निजी अस्पताल नर्सिंग होम इस प्रमाण पत्र के बिना काम कर रहे थे मजे की बात तो यह है कि कोरोना काल में एक तरफ लोगो को अस्पताल में बेड और अन्य सुविधांयो के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं मनपा ने तीन अस्पताल सिल कर दिया लेकिन सवाल यह उठता है कि बाकी के जो प्राइवेट अस्पताल बिना फायर एनओसी के चल रहे है उन पर मनपा आयुक्त कब कार्यवाही करेंगे ?