भारत ने खोली चीन के झूठे दावे की पोल

दिल्ली |     पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी को लेकर भारतीय सेना का बयान सामने आया है सेना ने चीन के झूठे दावे की पोल खोलते हुए कहा है कि पी.एल.ए. के जवानों ने उकसावे की कार्रवाई की है हमने न तो लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल को पार किया और न ही हमने चीन की तरफ कोई फायरिंग की तनाव कम करने के लिए सैन्य , कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत के बाद भी चीन लगातार समझौते का उल्लंघन कर रहा है भारतीय सेना ने चीन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत एल.ए.सी. पर डिसइंगेजमेंट और हालात को डी – एस्केलेट करने के लिए प्रतिबद्ध है वहीं चीन स्थिति को बढ़ाने के लिए उकसावे वाली ​गतिविधियों को जारी ​रखे हुए है लेकिन किसी भी चरण में भारतीय सेना ने एल.ए.सी. को पार नहीं किया और फायरिंग समेत किसी भी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया बता दे कि सेना ने पूरी घटना पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 7 सितंबर को पी.एल.ए. के जवानों ने एल.ए.सी. से लगी हुई हमारी एक फॉरवर्ड पोजीशन के करीब आने की कोशिश की जब हमारे जवानों ने इसका जवाब दिया तो चीन की सेना ने हमारे जवानों को धमकी देने के अंदाज में हवाई फायरिंग की हालांकि इस गंभीर उकसावे के बावजूद हमारी सेना ने जिम्मेदार और परिपक्व तरीके से मौके को संभाला और चीन की ओर से सोमवार को एल.ए.सी. पर फायरिंग की गई इसके बाद चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने सेना के हवाले से पूरी घटना का दोष भारत पर लगाया उसका कहना है कि भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की और चीन की तरफ फायरिंग भी की आपको बता दे कि भारत – चीन सीमा पर पिछली बार 1975 में गोलियां चली थीं उस समय अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल्स के जवानों की पैट्रोलिंग टीम पर हमला हुआ था जिसमें कई जवान शहीद हुए थे 1993 में भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें सहमति बनी थी दोनों देश सीमा पर किसी भी हाल में फायरिंग नहीं करेंगे लेकिन चीन की सेना ने हाल ही के महीनों में कई बार उकसावे वाली कार्य कर चुकी है 29 और 30 अगस्त को चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी जिसे भारतीय जवानों ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया था इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी   |