भारत सरकार के नियम सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई है सोशल ऑडिट कराने से भाग रहे जिम्मेदार ?

महराजगंज |  जनपद महराजगंज तहसील क्षेत्र नौतनवां ब्लॉक रतनपुर जहां करोड़ों रुपए सरकार गांवों क्षेत्र में विकास के लिए खर्च कर रही है वहीं अपने जिम्मेदारियों से भागने वाले कुछ अलाधिकरियों के साथ मिलकर विकास कार्यों का पैसा गमन करने में लगे हुए हैं और विकास कार्यों का विवरण पेश करने से कतरा रहे है अगर ईमानदारी से सभी आलाधिकारी कार्य करते तो फिर विकास कार्यों का विवरण देने में कोई परेशानी नहीं होती मगर सभी को इस बात का डर है कहीं हमारे काले कारनामे अगर लोगो के सामने आ जाएगी तो हमारा बहुत बुरा हाल हो जाएगा जिस कारण सभी चुप्पी साधे बैठे हैं

आपको बता दें महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत संपादित सोशल ऑडिट प्रतिवेदनों पर ए0टी0आर0 एवं दुरुपयोग राशि के वसूली के संबंध में कोर्डिनेटर रेनू सिंह ने सोशल ऑडिट निदेशालय उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी जिला कार्यक्रम समन्वयक ( मनरेगा ) गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर सभी उक्त आलाधिकारियों को लिखित प्रेषित किया है जिसमें रेनू सिंह ने बताया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार ग्राम सभा द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में योजना पर व्यय की गई धनराशि एवम् कराए गए समस्त विकास कार्यों की सोशल ऑडिट की जाती है सोशल ऑडिट प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथम दो दिवसों में मनरेगा एम0आई0एस0 से डाउनलोड किए गए व्यय विवरण का अभिलेखों एवम् पत्रावलियों से मिलान किया जाता है और कराए गए कार्यों का ग्रामीणों की उपस्थिति में सत्यापन किया जाता है   |

सोशल ऑडिट ग्राम सभा की बैठक में डोर टू डोर एवम् फिल्ड विजिट के दौरान तैयार किए गए प्रतिवेदन को ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तथा क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम प्रधान , सचिव , ग्राम पंचायत व तकनीकी सहायक , ग्राम रोजगार सेवक आदि से सोशल ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर पाई गई कमियों पर उत्तर देने की अपेक्षा की जाती है  उपरोक्त प्रक्रिया के उपरान्त सोशल ऑडिट ग्राम सभा की बैठक में तैयार किए गए प्रतिवेदन को नरेगा एम0 आई0 एस0 पर अपलोड किया जाता है , संबंधित विकास खण्ड की समस्त ग्राम पंचायतों की सोशल ऑडिट की प्रक्रिया पूर्ण रूप से हो जाने के उपरांत ग्राम सभा की बैठक में निस्तारित ना हो पाने वाले प्रकरणों के निस्तारण हेतु विकास खण्ड स्तर पर सोशल ऑडिट ब्लॉक सभा (जनसुनवाई) का आयोजन किया जाता है ।

जिसकी अध्यक्षता जिला विकास अधिकारी द्वारा किए जाने की व्यवस्था है यह अपेक्षा है कि जनसुनवाई के अवसरों पर सोशल ऑडिट में उठाए गए अधिक से अधिक विंदुओं का निस्तारण हो जाए जिससे भारत सरकार की सोशल ऑडिट की एम 0 आई 0 एस 0 पर ए 0 टी 0 आर 0 रिपोर्ट को समय से अपलोड किया जा सके किंतु इन दो मंचो (सोशल ऑडिट ग्राम सभा एवम् सोशल ऑडिट ब्लॉक सभा) पर उत्तरदाई कार्मिकों की उदासीनता के फलस्वरूप प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण एवम् वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में इंगित धनराशि की वसूली की कार्यवाही नहीं हो पा रही है यहां सवाल यह उठता है कि आखिर किस की लापरवाही से उक्त विषय में इतनी अनियमितता हो रही है क्या इसके जिम्मेदार आलाधिकारी ही तो नहीं जो भारत सरकार के नियमो का धज्जियां उड़ा रहे हैं झूठे वादे कर विकास कार्यों के पैसों का गमन करने में लगे हुए हैं ।

जहां भारत सरकार ऑडिट प्रतिवेदनों में इंगित कमियों पर ए0टी0आर0 अपलोड करने के संबंध में शासनादेश संख्या -12/2019/1641 / अड़तीस-7-19-324 नरेगा / 2012टीसी-1 दिनांक 12/07/2019 द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं तथा निदेशक सोशल ऑडिट द्वारा भी इस दिशा में कार्यवाही एवम् जनपद स्तरीय मासिक बैठक में सोशल ऑडिट की कृत कार्यवाही की समीक्षा करने हेतु कई बार अनुरोध किया जा चुका है किन्तु अभी भी ए0टी0आर0 अपलोडिंग एवम् दुरुपयोग की गई धनराशि की वसूली हेतु अपेक्षित कार्यवाही नहीं हो पा रही है  , अस्तु वित्तीय वर्ष 2018-19 एवम् 2019-20 के सोशल ऑडिट प्रतिवेदनों में इंगित कमियों के निस्तारण एवम् वसूल की गई धनराशि की विवरण संलग्न उक्त विभागीय अधिकारियों को कोर्डिनेटर रेनू सिंह ने प्रेषित किया है और साथ ही उक्त विभाग के उच्चाधिकारियों से यह मांग की है कि सोशल ऑडिट में पाई गई कमियों की ए0 टी0 आर0 एवम् दुरुपयोग की गई धनराशि की वसूली में सुधार लाने हेतु इसकी नियमित समीक्षा एवम् अनुश्रवण करने का कष्ट करें  , इस विषय में जल्द ही उक्त सभी आलाधिकारी अग्रिम कार्यवाही करने का कष्ट करें ।

रतनपुर से पंकज मणि त्रिपाठी रिपोर्ट