महाराष्ट्र के 17 जिलों में शुरू हो रहे है रेडियो स्कूल

नाशिक |     एक तरफ कोरोना का कहर है वही सभी विद्यार्थियों की शिक्षा भी रुकी हुई हैं लेकिन महाराष्ट्र में अब रेडियो स्कूल के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी यह नई निति महाराष्ट्र के 17 जिले के ४500 गांवों  से सुरु हो रही है आपको बता दे की रेडियो एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए आपने अभी तक सिर्फ समाचार , संगीत और टॉक शो सुने होंगे लेकिन अब इसके जरिए पढ़ाई भी हो रही है दरअसल लॉकडाउन में बच्चे स्कूल नहीं जा पाए तो प्रथम संस्थान और आकाशवाणी नागपुर ने मिलकर महाराष्ट्र के 17 जिलों  में रेडियो स्कूल शुरू कर दिया इसके जरिए 4,500 गांवों के साढ़े तीन लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं , रेडियो स्कूल के दौरान तीन बच्चों को इंटरव्यू के लिए चुना जाता है जो विषय के आधार पर चर्चा करते हैं रेडियो पर बोलने का मौका मिला तो बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ा ऐसे में अभिभावक उनका हौसला बढ़ाने लगे और उनमें अपने बच्चों को रेडियो पर सुनने की चाह भी बढ़ने लगी , नागपुर के डिवीजनल कमिश्नर डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए यह पहल कारगर साबित हुई है उन्होंने यह भी कहा की इस पहल को शुरू करने के लिए अप्रैल में 7 जिलों में सर्वे कराया गया मकसद यह पता लगाना था की  कितने अभिभावकों के पास मोबाइल या रेडियो है इसके लिए सरपंच , शिक्षक , आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्राम सेवकों की मदद ली गई   |

इसके बाद 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए पढ़ाई की सीरीज बनाई गई फिर हर मंगलवार और शुक्रवार को नागपुर आकाशवाणी से कार्यक्रम प्रसारित किया गया फीडबैक अच्छा मिला तो आठवीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार कर रेडियो क्लासेस शुरू कर दिया गया बता दे की बच्चे फ्रीक्वेंसी एम.डब्लू. 512.8 या न्यूज ऑन एयर एप के जरिए रेडियो स्कूल से जुड़ते हैं आज आलम यह है कि तीन लाख 70 हजार से ज्यादा बच्चे रेडियो स्कूल के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं डॉ. कुमार के मुताबिक सिलेबस महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संशोधन संस्थान की मदद से तैयार किया जाता है , जानकारी के मुताबिक वॉट्सऐप के जरिए अभिभावकों को हफ्ते भर का सिलेबस भेजा जाता है इसे ध्यान में रखते हुए बच्चे पढ़ाई करते हैं हर दिन जो 3 बच्चे रेडियो पर जुड़ते हैं उनसे बातचीत के संशोधित अंश यूट्यूब पर अपलोड किए जाते हैं कुछ गांव ऐसे हैं जहां अभिभावकों के पास मोबाइल नहीं हैं ऐसे में ग्राम पंचायत की बिल्डिंग पर लाउडस्पीकर लगाकर छात्रों को पढ़ाई की सीरीज सुनाई जाती है      |