यूपी के 15 लाख कर्मचारियों को मिलेगा फेस्टिवल एडवांस

लखनऊ |     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मियों को इस त्योहारी सीजन में फेस्टिवल एडवांस तथा एल.टी.सी. के बदले स्पेशल कैश पैकेज देने का ऐलान किया है फेस्टिवल एडवांस से राज्य के 15.20 लाख राज्यकर्मी लाभान्वित होंगे स्पेशल कैश पैकेज का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 मार्च तक एल.टी.सी. पाने के हकदार हैं दोनों योजनाओं का लाभ 31 मार्च 2021 से पहले ही राज्यकर्मियों को मिल जाएगा कर्मचारी की मांग पर विभागाध्यक्ष किसी भी महत्वपूर्ण त्योहार से पहले फेस्टिवल एडवांस देने का आदेश करेंगे  , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन यह अहम फैसला किया गया केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए स्पेशल फेस्टिवल पैकेज तथा एल.टी.सी. के बदले स्पेशल कैश पैकेज देने की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को भी इन दोनों योजनाओं से नवाजा है   |

अग्रिम स्पेशल फेस्टिवल पैकेज

इस योजना का लाभ राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को मिलेगा , 31 मार्च 2021 तक योजना लागू रहेगी कार्यालयाध्यक्ष किसी भी महत्वपूर्ण त्योहार से पूर्व कर्मचारियों को 10 हजार रुपये का अग्रिम फेस्टिवल पैकेज स्वीकृत करेंगे इस पैकेज पर ब्याज नहीं लगेगा योजना पर राज्य सरकार के खजाने से करीब 1000 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा  |

फेस्टिवल एडवांस की मुख्य बातें :-

  1. 15.20 लाख राज्य कर्मचारियों को मिलेगा बिना ब्याज फेस्टिवल एडवांस
  2. 10 हजार रुपये प्रत्येक कर्मचारी को मिलेगा फेस्टिवल एडवांस
  3. 1000 करोड़ रुपये का भार आएगा सरकार के खजाने पर
  4. दशहरा , दीपावली से लेकर होली तक कर्मचारी यह धनराशि ले सकेंगे
  5. एस.बी.आई. के माध्यम से प्री – लोडेड रूपे कार्ड के रूप में दी जाएगी

एस.बी.आई. के प्री – लोडेड रूपे कार्ड से मिलेगी धनराशि

अग्रिम धनराशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से प्री लोडेड रूपे कार्ड द्वारा दी जाएगी , दस किस्तों में यह धनराशि वसूली जाएगी कर्मचारियों का प्रार्थना पत्र मिलने पर कार्यालयाध्यक्ष एस.बी.आई. से रूपे कार्ड लेकर आवेदक कर्मचारी को देंगे कार्यालयाध्यक्ष द्वारा उन सभी त्योहारों के लिए अग्रिम स्वीकृत कर सकेंगे जो उत्तर प्रदेश शासन द्वारा घोषित सार्वजनिक / निबंधित अवकाश की सूची में शामिल हैं इस फैसले को लागू करने के बाद यदि कोई कठिनाई आती है तो उसका निराकरण और भुगतान की प्रक्रिया का निर्धारण मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किया जाएगा   |

एल.टी.सी. के बदले स्पेशल कैश पैकेज

केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह सरकार राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी एल.टी.सी. सुविधा के बदले स्पेशल कैश पैकेज देगी मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है इस सुविधा का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो पूर्व में जारी शासनादेशों के मुताबिक 31 मार्च 2021 तक एल.टी.सी. सुविधा पाने के हकदार हैं इस योजना में राज्य सरकार पर लगभग 960 करोड़ रुपये का व्यय भार आएगा इस सुविधा के तहत कर्मचारी को गंतव्य स्थान तक जाने और वापस आने के लिए 6000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से डीम्ड किराया दिया जाएगा कर्मचारी सहित परिवार के अधिकतम चार पात्र सदस्यों के लिए सुविधा मान्य होगी संबंधित कर्मचारी को स्वीकृत धनराशि की तीन गुना धनराशि डिजिटल मोड से जीएसटी में पंजीकृत वेंडर्स / सेवा प्रदाताओं से खरीद करनी होगी खरीदी गई वस्तुओं पर जी.एस.टी. की दर न्यूनतम 12 फीसदी होनी चाहिए स्पेशल कैश पैकेज के रूप में स्वीकृत धनराशि की प्रतिपूर्ति के लिए कर्मचारी को खरीदी गई वस्तुओं के रसीद जिसमें जी.एस.टी. संख्या और भुगतान किए गए जी.एस.टी. का जिक्र हो उसे प्रस्तुत करना होगा , कर्मचारी को अनुमन्य एल.टी.सी. के डीम्ड किराये की धनराशि का 50 प्रतिशत अग्रिम के रूप में उसके बैंक खाते में भुगतान किया जा सकता है जिसका समायोजन वस्तुओं के क्रय का वाउचर प्रस्तुत करने पर उसे किए जाने वाले अंतिम भुगतान से किया जाएगा इस प्रकार के दावों का समायोजन वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही कराना होगा अग्रिम का प्रयोग नहीं करने या कम प्रयोग करने की स्थिति में उपयोग नहीं किए गए अथवा कम उपयोग पर अग्रिम की वसूली दंड ब्याज के साथ की जाएगी स्पेशल कैश पैकेज पर एल.टी.सी. की तरह ही आयकर के नियम लागू होंगे   |

सेवाकाल में तीन बार मिलता है एलटीसी का लाभ

राज्यकर्मियों को अपनी पूरी सेवाकाल में तीन बार एल.टी.सी. सुविधा का लाभ मिलता है इस सुविधा के तहत कर्मचारी अपने परिवार के अधिकतम चार सदस्यों के टूर के किराये – भाड़े का क्लेम करता है जिसका भुगतान राज्य सरकार करती है   |

एल.टी.सी. के बदले स्पेशल कैश पैकेज

  1. 6000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से डीम्ड किराया देगी सरकार   |
  2. कर्मचारी सहित अधिकतम चार व्यक्तियों के लिए   |
  3. स्वीकृत धनराशि से तीन गुनी धनराशि डिजिटल मोड से जी.एस.टी. में पंजीकृत वेन्डर्स / सेवा प्रदाताओं के माध्यम खर्च करना होगा जिसमें कम से कम 12 फीसदी जी.एस.टी. हो   |
  4. स्वीकृत धनराशि की प्रतिपूर्ति खरीददारी वाउचर जिसमें जी.एस.टी. संख्या और भुगतान किए गए जी.एस.टी. धनराशि अंकित होने पर ही की जाएगी |
  5. इस योजना से राज्य सरकार के खजाने पर 960 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा   |