रेप पीड़िता ने बदला बयान तो उसके खिलाफ भी चलेगा मुकदमा-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल पुराने एक मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया है कि अगर किसी मामले में रेप पीड़िता आरोपी को बचाने के लिए उससे समझौता करती है और अपना बयान बदलती है तो उसके खिलाफ भी मुकदमा चालाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर रेप के मामले में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, तब भी रेप पीड़िता बयान बदलती है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दोषी को 10 साल की सजा सुनाई। जबकि इस मामले में रेप पीड़िता ने अपना बयान बदला था। उसने कहा था कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था। बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर रेप के आरोपी को मेडिकल रिपोर्ट के अलावा किसी भी आधार पर क्लीन चिट दे दी जाती है, तब भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि क्रिमिनल ट्रायल का मकसद सच को सामने लाना होता है। किसी को अुनमति नहीं है कि वह अपने बयान से पूरी तरह पलट जाए या न्याय व्यवस्था का मजाक बनाए। कोर्ट 2004 के एक मामले की सुनवाई कर रहा था।

जिस वक्त पीड़िता के साथ रेप हुआ वह 9 साल की थी। उसकी मां ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। लेकिन मात्र 6 महीने बाद ही पीड़िता और मामले की मुख्य गवाह उसकी बहन ने बयान पलट दिया और कहा कि पीड़िता को गिरने के कारण चोट लगी थी। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया।