विज्ञान जगत के गौरव व युवाओं के प्रेरणा स्रोत ए.पी.जे. अब्दुल कलाम :- अशोक विश्वकर्मा

विश्वकर्मा महासभा ने कलाम को यादकिया

वाराणसी |    भारतीय विज्ञान जगत के गौरव विलक्षण व्यक्तित्व के धनी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के पुण्य स्मृति दिवस पर श्रद्धापूर्ण नमन करते हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा अखबार बेचकर जीवन का सफर शुरू करने वाले एक मछुआरे का बेटा अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम अपने उच्च आदर्शों , दृढ़ इच्छाशक्ति , परिश्रम व कर्मठता से उच्च स्तर के वैज्ञानिक बने और भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया वह अपनी सरलता और वाकपटुता से लोगों को मंत्रमुग्ध कर लेते थे वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे और उनमें नया करने का जोश व हौसला भरते रहते थे उन्होंने मिसाइलों का निर्माण कर भारत की सुरक्षा को नए आयाम दिए हैं देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम , परमाणु हथियार , बैलेस्टिक मिसाइल परियोजना , लड़ाकू विमान परियोजना में उनका अतुलनीय योगदान रहा है देश के प्रति उनके योगदान के लिए 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण और 1990 में पद्म विभूषण एवं 1997 में भारत रत्न प्रदान किया , 27 जुलाई 2015 की शाम शिलॉन्ग आई.आई.टी. में रहने योग्य ग्रह पर लेक्चर देते हुए उन्हें दिल का दौरा पड़ा आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर कुछ नहीं कर सके 83 वर्ष के कलाम इस संसार को छोड़ चुके थे डॉ कलाम जाते – जाते देश और भावी पीढ़ियों के लिए अपनी शिक्षाएं छोड़ कर अमर हो गए इस अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने वाले लोगों में प्रमुख रूप से श्रीकांत विश्वकर्मा , डॉ प्रमोद कुमार विश्वकर्मा , नंद लाल विश्वकर्मा , सुरेश शर्मा , एडवोकेट दीनदयाल विश्वकर्मा , कार्य का विश्वकर्मा , राहुल विश्वकर्मा , लोचन विश्वकर्मा , विजेंद्र विश्वकर्मा  , राजेश विश्वकर्मा , महेंद्र विश्वकर्मा , अजय विश्वकर्मा , धीरेंद्र उर्फ पिंटू शर्मा आदि लोग थे   |