शानोशौकत के साथ निकली मोहर्रम की दसवीं का जुलूस

गोरखपुर / जोखन प्रसाद   ।

गोला क्षेत्र के देवकली मे हुसैनिया अखाडा से मोहर्रम की दसवीं का जुलूस तिरंगे के साथ पूरे शानोशौकत के साथ निकाला गया , जो गांव कस्बों का भ्रमण कर करतब दिखाते हुए गोपालपुर मे स्थित करबला मे दफन होने के बाद समाप्त हुआ ।

बताते चलें कि मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है , इस माह की बहुत विशेषता और महत्व है , सन् 680 में इसी माह में कर्बला नामक स्थान मे एक धर्म युद्ध हुआ था, जो पैगम्बर हजरत मुहम्म्द स० के नाती तथा इब्न ज़्याद के बीच हुआ  ।

इस धर्म युद्ध में वास्तविक जीत हज़रत इमाम हुसैन अ० की हुई  प‍र जाहिरी तौर पर इब्न ज़्याद के कमांडर शिम्र ने हज़रत हुसैन रज़ी० और उनके सभी 72 साथियो (परिवार वालो) को शहीद कर दिया था , जिसमें उनके छः महीने की उम्र के पुत्र हज़रत अली असग़र भी शामिल थे   ।

और तभी से तमाम दुनिया के ना सिर्फ़ मुसलमान बल्कि दूसरी क़ौमों के लोग भी इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का ग़म मनाकर उनकी याद करते हैं , आशूरे के दिन यानी 10 मुहर्रम को एक ऐसी घटना हुई थी, जिसका विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है , इराक स्थित कर्बला में हुई यह घटना दरअसल सत्य के लिए जान न्योछावर कर देने की जिंदा मिसाल है  ।

इस घटना में हजरत मुहम्मद के नवासे (नाती) हजरत हुसैन को शहीद कर दिया गया था , मंगलवार को सलीम शेख और इस्तियाख मास्टर के नेतृत्व मे देवकली के हुसैनिया अखाडा से निकली जुलूस गांव कस्बों का भ्रमण करते हुए गोपालपुर मे स्थित करबला मे दफन होने के बाद समाप्त हुआ ।

इस दौरान बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक विभिन्न प्रकार के ताजिया आकर्षण का केंद्र बने हुए थे , जो सबका मन मोह रहे थे , चौराहों पर रुक कर वे करतब दिखा रहे थे।जो भीड को आकर्षित कर रहे थे , इस अवसर पर समसाद,शेर अली,मेराज शेख,नसीम,इरफान,इसरायल,कुरैशी,कलीम,मुमताज,हाफीजी,हंसराज,अन्नू,इस्माइल नेता सहित तमाम लोग उपस्थित रहे  ।