उपन्यास क्रान्ति महानायक पर हुई विशेष परिचर्चा 

मुंबई |     अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं केंद्रीय राजभाषा हिंदी विकास परिषद के संयुक्त तत्त्वावधान में भगवान परशुराम के चरित्र पर आधारित डॉ. भगवान तिवारी द्वारा रचित उपन्यास क्रांति महानायक पर परिचर्चा का आयोजन किया गया , समारोह की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने की दुबे ने भगवान परशुराम के चरित्र पर प्रकाश डाला उनके अनुसार भगवान परशुराम ने अपने फरसे से दक्षिण समुद्र की तटीय भूमि को ऊपर उठाकर उसे आवास के योग्य बनाया , उत्तर के लोग आकृष्ट होकर दक्षिण की ओर आए तथा इस क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया जबकि नदियां दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवाहित होती हैं समारोह में विशेष अतिथि सुहासिनी बाजपेई ने भी अपने विचार व्यक्त किए , विशेष अतिथि डॉ. यू. एन. श्रीवास्तव ने समस्त वक्ताओं के विचारों की संक्षिप्त समरी प्रस्तुत की , संस्था के अध्यक्ष आचार्य रामव्यास उपाध्याय , मंत्री डॉ. अमर बहादुर पटेल एवं डॉ.परमिंदर पाण्डेय , कोषाध्यक्ष जनार्दन मिश्र , संयुक्त मंत्री प्रो. संतोष तिवारी , सांस्कृतिक मंत्री वीरेंद्र त्रिपाठी एवं शशिकांत दुबे , उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र पाण्डेय , सिंधवासिनी तिवारी , डॉ. अवनीश सिंह , कार्याध्यक्ष प्राचार्य एस.पी. पाण्डेय , दिनेश श्रीवास्तव एवं डॉ. अरुण मिश्र ने समारोह को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई    |

डॉक्टर भगवान तिवारी ने सब की मंगल कामना करते हुए समारोह का उद्घाटन किया , प्रास्ताविकी में डॉ. अमर बहादुर पटेल ने संपूर्ण उपन्यास पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला , प्रो. शशिकला पटेल ने हिरण्यकशिपु और कयाधु की पुत्री से भृगु का विवाह परिचर्चा में डॉ. अवनीश सिंह ने कार्तवीर्य रावण युद्ध , बिंदु दुबे ने परशुराम क्षेत्र का सर्वांगीण विकास , प्रो. संतोष तिवारी ने क्रांति के परिप्रेक्ष्य में परशुराम , डॉ. शालिनी मिश्रा ने कार्तवीर्य को दत्तात्रेय का तीन वरदान , आचार्य राम व्यास उपाध्याय ने वैष्णव धनुष राम को भेंट , डॉ. सुहासिनी बाजपेई ने समुद्र का औदार्य , दिनेश श्रीवास्तव ने अगस्त विद्यापीठ , वर्षा सिंह ने देश का सर्वांगीण विकास , डॉ. परमिंदर पाण्डेय ने परशुराम की पितृ भक्ति , सिंधवासिनी तिवारी ने जमदग्नि रेणुका विवाह , रीना राय ने परशुराम का जन्म , प्राचार्य सरयू प्रसाद पाण्डेय ने वैष्णव धनुष विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए , डॉ. अवनीश सिंह ने आभार व्यक्त किया     |