कर्मठ और दयालु समाज सेवी हैं दयाशंकर यादव

ठाणे |      मुंबई शहर के नजदीक थाने जिले में रहने वाले और प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत दयाशंकर यादव अपने व्यवहार एवं शिक्षा क्षेत्र में न्याय के लिए संघर्ष करने वाले दयाशंकर को उनके परिवार के लोग प्रेम से दयालू नाम से इसलिए बुलाते हैं क्योंकि इनके अंदर दया कूट – कूट कर भरी हुई है इनकी बचपन से लेकर आगे की पढ़ाई भी महाराष्ट्र से हुई है इनके पास जब कभी भी कोई सहायता मांगने पहुंचा है उसकी इन्होंने यथासंभव सहायता की है कभी – कभी लोग इनकी दयालूता का नाजायज फायदा भी उठाते हुए देखें गए हैं इन्होंने अपने परिवार के बच्चों के साथ ही आर्थिक रुप से कमजोर हजारों बच्चों को भी शिक्षित करने में अपनी नि:स्वार्थ भावना का परिचय दिया है शायद यही कारण है कि कल उनके पच्चासवें जन्म दिन पर उनके मूल गांव जौनपुर जिले के मछलीशहर के तारापुर गांव , जौनपुर शहर के कुमार मेडिको के विवेक यादव और उनके सहयोगियों और थाने के कोपरी में उनके बड़े भाईयों और दिल्ली में उनके भाई सत्यनारायन यादव सहित सभी ने उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना की है दयाशंकर यादव ने अपने परिवार के सभी भाईयों को सदैव श्रद्धा पूर्वक आदर दिया है और सभी भाई भी इन्हें बहुत स्नेह देते हैं क्योंकि यह सभी भाईयों में सबसे छोटे हैं खैर इनके चचेरे भाई सत्यनारायन यादव को भी लोग इनके इतना ही स्नेह करते हैं इनके भाईयों में त्रिलोकी नाथ यादव (सेठ) और बद्री नाथ यादव (सेठ) , भारत यादव और सत्यनारायन यादव के साथ बचपन सुख और लाड प्यार में बीता ।गांव में रहने वाले इनके भाई समाजसेवी जगदीश यादव भी इन्हें बहुत स्नेह देते हैं लेकिन यह इनकी विद्वता ही थी कि मुलुंड के प्रख्यात स्व.देवनारायन यादव ने इन्हें अंग्रेजी माध्यम से डी.एड.करने के लिए कहा तो यह तुरंत तैयार हो गए वास्तव में हाईस्कूल तक हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर इन्होंने अंग्रेजी में विजय पाई दयाशंकर यादव के खून में दूसरों के हित में संघर्ष है दूसरों की जिंदगी बनाने का इनका संघर्ष काबिले तारिफ है     |