केरल हादसे में पायलट ने बचाईं जिंदगियां

कोझीकोड |    एयर इंडिया के पायलट दीपक साठे कोझीकोड में शुक्रवार को हुए प्लेन हादसे में उनकी जान चली गई लेकिन उन्होंने अपने अनुभव और सूझबूझ से सैंकड़ों पैसेंजर्स को बचा लिया प्लेन में आग लग जाती तो बहुत से लोग मारे जाते लेकिन दीपक के कजन और दोस्त नीलेश साठे ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि दीपक ने किस तरह प्लेन को आग लगने से बचाया , प्लेन के लैंडिंग गियर्स ने काम करना बंद कर दिया था दीपक ने एयरपोर्ट के तीन चक्कर लगाए ताकि फ्यूल खत्म हो जाए तीन राउंड के बाद प्लेन लैंड करवा दिया उसका राइट विंग टूट गया था प्लेन क्रैश होने से ठीक पहले इंजन बंद कर दिया गया जिससे एयरक्राफ्ट में आग नहीं लगी , बता दे की दीपक को 36 साल का एक्सपीरियंस था वे एन.डी.ए. पासआउट और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्डी थे 2005 में एयर इंडिया जॉइन करने से पहले 21 साल तक एयरफोर्स में रहे चुके थे , नीलेश ने बताया कि 1990 के दशक में दीपक एक प्लेन क्रैश में बच गए थे और उनकी खोपड़ी में कई चोटें आ गई थीं 6 महीने अस्पताल में भर्ती थे किसी ने सोचा नहीं था कि अब दोबारा प्लेन उड़ा पाएंगे लेकिन उनकी स्ट्रॉन्ग विल पावर और प्लेन उड़ाने के जज्बे की वजह से यह संभव हो पाया जो एक चमत्कार जैसा था  |

नीलेश ने यह भी बताया की पिछले हफ्ते उन्होंने मुझे कॉल किया था और हमेशा की तरह खुश थे मैंने वंदे भारत मिशन के बारे में बात की वे अरब देशों में फंसे भारतीयों की वतन वापसी करवाने से खुश थे मैंने पूछा की दीपक कई देश पैसेंजर्स को एंट्री नहीं दे रहे तो क्या आप खाली एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं ? उन्होंने कहा – बिल्कुल नहीं हम उन देशों के लिए फल , सब्जियां और दवाएं ले जाते हैं एयरक्राफ्ट कभी खाली नहीं जाते ये मेरी उनसे आखिरी बातचीत थी , नीलेश ने आगे लिखा की एक जवान ने वतन के लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी इस वक्त एक सैनिक की कविता याद आ रही है   |