गगहा ब्लाक के बैकुंठपुर में ग्राम प्रधान पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

गोरखपुर |      गावँ के विकास के लिए आये सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगता रहा है ताज़ा मामला गगहा ब्लाक के ग्राम – बैकुण्ठपुर का है गोला तहसील के अंतर्गत आने वाले जनपद गोरखपुर के इस गावँ में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान तथा कोटेदार के द्वारा अन्त्योदय कार्ड , मनरेगा जाँब कार्ड और शौचालय निर्माण को अपने ही परिवार के लोगों और पट्टीदारों में बांटने का फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर किया गया है जिलाधिकारी गोरखपुर और मुख्य विकास अधिकारी को भेजे गए शिकायत पत्र से यह बात सामने आई है , जिसमे ग्रामीणों ने लिखा है कि हमारे ग्रामसभा के ग्राम प्रधान व कोटेदार (श्रवण कुमार यादव) जो एक ही परिवार के हैं पिछले कई वर्षों से कोटा वितरण में फर्जीवाड़े को अंजाम देते रहे हैं ग्राम प्रधान व कोटेदार द्वारा अपने ही घर के सद्स्यों व पट्टीदारों का फर्जी तरीके से अन्त्योदय कार्ड बनवाकर लाभ दिया जा रहा है जबकि वह सब पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं मजेदार बात यह है कि इस गावँ में ग्राम प्रधान , पूर्व ग्राम प्रधान , प्रधान प्रतिनिधि , कोटेदार , पंचायत मित्र , सफाई कर्मचारी व प्राथमिक विद्यालय बैकुण्ठपुर में दाई सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं इस गावँ में जो भी अन्त्योदय कार्ड बना है उनमें ज़्यादातर प्रधान के सगे सम्बन्धी शामिल हैं यहाँ तक कि सरकारी कर्मचारी का नाम भी अंत्योदय लिस्ट में शामिल होना बताया जा रहा है
ग्रामीणों का कहना कि गांव में भ्रष्टाचार का सिलसिला यहीं नहीं थमता बल्कि नरेगा में प्रधान और उसके परिवार व रिश्तेदार के लोगों के नाम जॉब कार्ड भी हैं जिसकी सूची ग्रामीणों ने उपपब्ध कराई है मनरेगा सूची में शामिल लाभर्थियों में प्रधान और पूर्व प्रधान का परिवार , पट्टीदार और रिश्तेदार शामिल है जिनके पास पक्का मकान , चार पहिया गाड़ी , मोटर सइकिल , पर्याप्त कृषि भूमि के अलावा कुछ विदेश में कमाने वाले भी शामिल हैं आरोप है कि यहाँ शौचालय बनवाने के नाम पर भारी घोटाला किया गया है लोगों द्वारा बनवाये गए शौचालय निर्माण को ग्राम प्रधान द्वारा गलत ढंग से सरकारी रिकार्ड में दर्ज कराकर स्वयं भुगतान ले लिया गया है ऐसे लोगों की एक पूरी सूची शिकायती पत्र के साथ संलग्न की गई है ग्रामीणों ने बताया कि डी.एम. साहब के यहां से जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया लेकिन महीनों गुज़र जाने के बाद भी अभी तक जांच नही हो पाई है वहीं इस सम्बन्ध में जब जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया की जांच के लिए 14 अक्टुबर की तिथि निर्धारित की गई है बहरहाल जांच की धीमी गति और प्रशासनिक सुस्ती से ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार से पर्दा कब तक उठता यह आने वाला समय ही बताएगा     |