ठाणे के वैद्यकीय अधिकारी हुए गायब , जूनियर बने साहब

ज्युनियर डॉ कर रहे चिकित्सा अधिकारी का साइन

ठाणे | ठाणे मनपा हद में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण, स्वास्थ्य विभाग और उनके अधिकारियो के मनमानी के कारण ठाणे मनपा कोविड -19 पर अंकुश लगाने में विफल देखा जा रहा है , वर्तमान में ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारी गायब हैं और जूनियर अधिकारी साहब बन बैठने की अवस्था में देखा जा रहा और शायद इसके वजह से ही ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग में तीन तेरह वाला कार्यभार देखने को मिल रहा है , तो वही सेवानिवृत्त पूर्व चिकित्सा अधिकारी आर.टी.केंद्रे के बाद इनका केंद्र सूत्र विफल हो गया है, ठाणे मनपा की दस प्रभाग समिति में कोरोना रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है , लेकिन ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग की अप्रभावी योजना और उनकी की मनमानी कार्यभार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है , जबकि एक मई से ठाणे में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है , पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी, आर.टी. केंद्र और उनके सहयोगी क्या कर रहे हैं ? ऐसा सवाल खड़ा हो गया है, अगर इस विभाग का कार्यभार ऐसा ही रहा तो जल्द ही ठाणे में हजारों कोरोना पीड़ितों की संख्या देखने को मिलेगा ।

ठाणे में हॉटस्पॉट विभाग में सही – योजना की कमी

ठाणे के लोगो को यह भलीभांति पता कि पिछले कई वर्षो से ठाणे मनपा वैद्यकीय अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे डाक्टर केंद्रे को अब फिर बुलाया गया है लेकिन डॉक्टर केंद्रे कोरोना के लड़ने में असफल दिख रहे है , ठाणे के लोकमान्य-सावरकर नगर प्रभाग समिति, वागले प्रभाग समिति के क्षेत्र में, कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो वही हॉटस्पॉट क्षेत्र को ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित किया गया था ,जिससे वह इलाका ठाणे कोरोना के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बन गया है , फिर भी ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है |

ठाणे मनपा ने आयुक्त धृतराष्ट्र के पद के लिए अधिकारियों के बीच प्रतिस्पर्धा

ठाणे महानगर पालिका के नए आयुक्त विजय सिंघल ने कोविड -19 की शुरुआत में ही अपना पद स्वीकारे है ठाणे की भौगोलिक स्थिति से अनभिज्ञ हैं, आयुक्त सिंघल निश्चित रूप से इस स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं ,लेकिन वर्तमान में उनकी भूमिका धृतराष्ट्र के समान है , हालांकि, यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि संजय की भूमिका नगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग के पुराने अधिकारियों द्वारा कड़ाई और निस्वार्थ रूप से नहीं निभाई गई इसलिए स्वास्थ्य विभाग में एक पद पाने के लिए प्रतियोगिता चल रही है , इसी भ्रम के कारण ठाणे में कोरोना का प्रभाव बढ़ता जा रहा है , हलाकि कोरोना के वार्ड में ही कोरोना का हॉटस्पॉट है फिर भी समाधान में काफी कमी देखने को मिल रहा है ।

चिकित्सा अधिकारी मलगांवकर को हटाने का अभियान जोरों पर

एक तरफ ठाणे में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है ,तो वही आर.टी. केंद्रे को अस्थायी रूप से सेवा में समायोजित कर दिया गया और ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग में पद के लिए संघर्ष शुरू हो गया है , चिकित्सा अधिकारी बनने के लिए जूनियर और अन्य अधिकारी मलगांवकर को हटाने का अभियान जोरो में चल रहा है , शायद इसीलिए ठाणे में कोरोना हॉटस्पॉट बढ़ रहा है , सूत्रों की माने तो डॉआरटी केंद्रे और रानी शिंदे प्रमुख भूमिका में हैं , इसलिए ठाणे में पालकमंत्री की एक बैठक बुलाई गयी , तो वही मलगांवकर पर संकेत आ रहे हैं , यह आने वाले समय में स्वास्थ्य विभाग और ठाणे मनपा के प्रशासन के लिए एक संकट का समय होने की आशंका हो सकता है ।

कोविड 19 के समय में वैदकीय अधिकारी गायब जूनियर बने साहब 

कोविड -19 के बाद पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी आर.टी.केंद्रे की नियुक्ति किया गया और स्वास्थ्य विभाग संचालन उन्हें दिया गया , तब नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ . मलगांवकर लापता हो गए , केंद्र के नेतृत्व में, परीक्षण और , परीक्षण अहवाल ,और कोरन्टाइन जैसी योजनाएं शुरू की गईं और मलगांवकर गायब हो गए, तो उनके जूनियर डॉ . रानी शिंदे मास्टर बनीं ,और वह लोगो के जीवन के लिए कितना अच्छा काम रही है इस पर खबर भी छप चुकी है कि वे कितनी उदारता से काम कर रही है , वर्तमान में डॉ . रानी शिंदे, चिकित्सा अधिकारी के साथ, प्रयोगशाला परीक्षण और विभिन्न प्रयोगशालाओं के परीक्षण की एक बड़ी जिम्मेदारी है।
जबकि डॉ . योगिता धयागुडे के पास कोरोना का इलाज खोजने और उसकी जांच करने की जिम्मेदारी है जबकि डॉ . कोर्डे के पास कोरोटाईन और आइसोलेशन की भी जबाबदारी है तो वही दूसरी तरफ डॉ. माळगावकर के होते हुए भी डॉ . रानी शिंदे ने खुद वैद्यकीय अधिकारी के पद पर काम कर रही है , इसलिए, ठाणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है जिसके लिए कहना पड़ रहा है कि , अधिकारी हुए गायब, असिस्टंट बन गए साहेब ?