दिवा की बदहाली को लेकर १०वें दिन भी विरोध अनशान जारी

अनशनकर्ताओं ने मुंडन कराकर किया मनपा प्रशासन का विरोध 
समर प्रताप सिंह
ठाणे । ठाणे मनपा के अंगर्तत मुंब्रा प्रभाग समिति का अंग बना रहा दिवा परिसर दशकों से प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है , जहां मुंब्रा के साथ कलवा और ठाणे शहर में विकास की धारा तेज हुई तो वहीं दिवा को रामभरोसे छोड़ दिया गया ।
आज उसी का परिणाम है कि दिवा में रहने वाले लाखों लोग नारकीय जीवन गुजराने को विवश हैं , स्थानीय स्तर पर  जन प्रतिनिधि आश्वासन देते , लेकिन किसी तरह की पहल किसी भी स्तर पर नहीं हो रही है ।
इसको लेकर युवा समाजसेवी अमोल केंद्रे लगातार दस दिनों से ठाणे मनपा मुखयालय के सामने अनशन कर रहे हैं , इसके बाद भी मनपा प्रशासन के अधिकारी किसी तरह की संवेदनशीलता नहीं बरत रही है, मनपा अधिकारियों द्वारा आंदोलनकर्मियों को बरगलाया जा रहा है ।
लेकिन अनशन करने वाले आंदोलनकर्मियों की मांग है कि पहले प्रशासन लिखित आश्वासन दे। इसके बाद ही विरोध अनशन समाप्त होगा , वैसे मुंब्रा प्रभाग समिति गावित ने आकर अनशन करने वालों से मुलाकात की , गावित ने आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया ।
लेकिन किसी तरह का आश्वासन देने को तैयार नहीं थे , इस कारण आंदोलन समाप्त करने की कोी संभावना नहीं है , इन बातों का जिक्र करते हुए अमोल केंद्रे ने कहा कि मनपा प्रशासन केे उपायुक्त मनीष जोशी ने भी उनसे मुलाकात कर आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया ।
जोशी ने कहा कि तीन दिनों के भीतर दिवा की समस्या को लेकर प्रशासन पहल शुरू हो जाएगी , लेकिन आंदोलनकारियों ने कहा कि बिना लिखित आश्वासन के वे अनशन समाप्त समाप्त नहीं करेंगे ।
इसके बाद आंदोलनकारियों ने अ्पने बाल मुंडन कर मनपा प्रशासन के विरोध गुस्से का  इजहार किया , इस समय दिवा परिसर का तेजी से नागरी करण हुआ है, लेकिन वहां मनपा प्रशासन किसी तरह की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहा है ।
अमोल केंद्रे का कहना है कि दिवा के साथ मनपा प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रहा है, आज दिवा में लोगों को पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है , सडकों तथा नालों का बुरा हाल है, यहां सामाजिक मंदिर, हॉल, खेल मैदान, गार्डन आदि नहीं है ।
स्टीट लाइट भी दिवा के लोगों को नसीब नहीं हो रहा है , केंद्रे का कहना है कि अनेकों बार बड़े नेताओं ने दिवा आकर समस्याओं के निदान का वचन दिया , लेकिन आज तक कोई काम नहीं हो पाया ।
आगे अमोल केंद्रे का कहना है कि ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा दशकों से दिवा परिसर की उपेक्षा हो रही है , देखने पर ऐसा लग रहा है कि दिवा ठाणे मनपा का अंग ही नहीं है , एक ओर ठाणे शहर में सुविधाओं की जाल फैलाई जा रही है, लेकिन दिवा को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है ।
दिवा की सडकों पर कहीं भी फुटपाथ के दर्शन नहीं होते हैं , इससे बड़ा दुर्भाग्य  और क्या हो सकता है , जारी आंदोलन के दौरान विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी आंदोलनकारियों और अनशनकर्मियों से मुलाकात की, उन्हें  अपना समर्थन दर्शाया ।