नहीं टलेंगी 4 अक्टूबर को होने वाली UPSC प्रिलिम्स परीक्षाएं

सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा (प्रिलिम्स) परीक्षा 2020 पर बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि 4 अक्टूबर को होने वाले ये परीक्षाएं कोविड महामारी के कारण नहीं टाली जा सकतीं है सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात पर विचार करने को कहा है कि ऐसे कैंडिडेट़्स को एक और मौका दिया जा सकता है जिनके पास अपना आखिरी अटेम्प्ट बचा है और जो कोरोना के कारण परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे और जस्टिस ए.एम. खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने UPSC सिविल सेवा 2020 की परीक्षाओं को 2021 की परीक्षाओं के साथ मिलाकर करवाने की याचिका भी खारिज कर दी देश के 72 शहरों में होने वाली 7 घंटे की ऑफलाइन परीक्षा में लगभग छह लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है आपको बता दे कि इस मामले को लेकर अर्जी लगाने वाले कैंडिडेट्स ने मौजूदा हालात के चलते परीक्षाएं टालने की मांग की थी इस पर सुनवाई के दौरान सोमवार को UPSC ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सिविल सेवा की परीक्षाओं को टालना असंभव है इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने UPSC को इस हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था   |
 
UPSC हलफनामे और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें :-
  1. आखिरी प्रयास करने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा में न बैठ पाने की स्थिति में एक और मौका मिलेगा |
  2. आयु सीमा के लिहाज से इस साल परीक्षा में न बैठ पाने वाले कैंडिडेट्स को आयु सीमा में छूट मिलेगी |
  3. UPSC को स्वास्थ्य मंत्रालय के SOP के हिसाब से जरूरी उपाय करने होंगे और सभी को उसकी सूचना देनी होगी |
  4. खांसी और जुकाम वाले उम्मीदवारों को परीक्षा में अलग कमरों में बैठाने की व्यवस्था करनी होगी |
  5. अलग-अलग राज्यों में वहां के हालात को देखते हुए अलग-अलग SOP लागू किए जाएं |
  6. कैंडिडेट्स को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर होटलों में प्रवेश की अनुमति मिलेगी |
  7. अन्य उम्मीदवारों को खतरा न हो इसके लिए कोरोना से संक्रमित रोगी को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी |

बता दे कि इससे पहले कोर्ट ने 24 सितंबर को याचिका कर्ताओं की ओर से पक्ष रख रहे वकील अलख आलोक श्रीवास्तव से कहा था कि वे याचिका की एक कॉपी UPSC और केंद्र को दें देश के अलग – अलग हिस्सों के 20 याचिका कर्ताओं ने अदालत से कहा कि मौजूदा हालात में परीक्षा आयोजित करने से उम्मीदवारों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा होगा और याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि कोरोना के तेजी से फैल रहे मामलों के बाद भी UPSC ने परीक्षा केंद्रों की संख्या नहीं बढ़ाई तो ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के कई कैंडिडेट्स को करीब 300 – 400 किलोमीटर का सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा याचिका में यह भी कहा गया था कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए ऐसे कैंडिडेट्स पब्लिक ट्रांसपोर्ट की इस्तेमाल करेंगे जिससे उनके संक्रमित होने की ज्यादा आशंका है   |